गैंग दिल्ली के चावल व्यवसायी से पहले करोड़ों के चावल का सौदा तय करता, उसके बाद थोड़ी-बहुत रकम देकर, करोड़ों का चावल खरीद लेता था. बाद में यह गैंग फरार हो जाता था.
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चावल व्यापारियों को टारगेट करने वाली एक गैंग का गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. यह गैंग दिल्ली के चावल व्यवसायी से पहले करोड़ों के चावल का सौदा तय करता, उसके बाद थोड़ी-बहुत रकम देकर, करोड़ों का चावल खरीद लेता था. बाद में यह गैंग फरार हो जाता था. गंभीर तो यह है कि गैंग के सदस्य व्यवसायी से करोड़ों का चावल खरीदकर आगे बेचकर मुनाफा कमा लेते, जबकि जिससे व्यवसायी से यह करोड़ों का चावल औनी-पौनी कीमत अदा करके वसूलते, वे व्यापारी अपनी बाकी रकम के लिए इन्हें दर-दर तलाशते फिरते.
गिरफ्तार ठग का नाम दीपक किशोर सक्सेना (46) है. यह ठग दिल्ली के पूर्वी आजाद नगर इलाके का रहने वाला है. टीवी9 भारतवर्ष को यह जानकारी दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ डीसीपी जितेंद्र कुमार मीणा ने गुरुवार रात दी. घटनाक्रम के मुताबिक, ठग नरेंद्र कुमार का दिल्ली में मैसर्स बनारसी दास ओम प्रकाश के नाम से चावल का होलसेल का व्यवसाय है. कुछ समय पहले रितिकेश राय और दीपक किशोर सक्सेना ने उनसे संपर्क साधा.
दोनों ठगों ने 4 करोड़ 81 लाख के चावल (धान) का सौदा तय कर लिया. उसके बाद आरोपियों ने विक्रेता को 1 करोड़ 91 लाख का भुगतान कर दिया. जबकि 4 करोड़ 81 लाख का चावल खरीदकर आरोपियों ने उसे एग्रो एनबीएफ के पास गिरवी रख दिया. उसके बदले उन्होंने एग्रो एनबीएफ से 6 करोड़ का ऋण ले लिया. पीड़ित शिकायतकर्ता ने जब ठगों से बाकी रकम मांगनी शुरु की तो उन्होंने उसे 11 पोस्ट डेटिड चैक थमा दिए. यह चेक बाकी की 2 करोड़ 89 लाख रुपए के थे. बाद में वे चेक भी बैंक से अपर्याप्त बैंक बैलेंस के चलते अस्वीकृत कर दिए गए.
देते थे मोटे बिजनेस का लालच
पुलिस ने जब दोनों में से एक आरोपी को गिरफ्तार किया तो उसने कई सनसनीखेज बातें कबूलीं. जिनके मुताबिक, आरोपी व्यापारियों को झांसे में लेकर और मोटा बिजनेस करने का लालच देकर, उन्हें कुछ रकम देकर दो-गुने तीन-गुने का चावल खरीद लेते थे. उसके बाद वे उस चावल को एग्रो एनबीएफसी के पास गिरवी रखकर मोटी रकम बतौर लोन ले लेते थे. उसके बाद वे एग्रो को चावल गिरवी रखने से हासिल ऋण की रकम वापिस नहीं करते थे. ऐसे में एग्रो एनबीएफसी उस चावल को जब्त कर लेता था. या कह सकते हैं कि आरोपी उस चावल को एग्रो को ही सौंपकर उसके लोन से खुद को मुक्त कर लेते थे.
उधर, जिस व्यापारी से थोक के भाव में करोड़ों का चावल यह ठग खरीदते थे, उसे पोस्ट डेटिड चैक देकर ठगते थे. क्योंकि इन ठगों के बैंक खाते में उन चैकों का भुगतान करने के लिए रकम बाकी होती ही नहीं थी. इस गैंग के भंडाफोड़ के लिए एसीपी मनोज कुमार और इंस्पेक्टर भारत भूषण के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया था. इन टीमों ने 17 जनवरी को आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया. अब तक यह गैंग देश में चावल व्यवसाय की आड़ में और कहां कहां इस तरह की ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुका है. इसकी तफ्तीश जारी है.
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