• संपर्क करें
  • गोपनीयता नीति
  • उपयोग की शर्तें
  • डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट
Monday, March 27, 2023
Indiakatha.com
  • Home
  • भारत
  • दुनिया
  • व्यवसाय
  • खेल
  • तकनीकी
  • मनोरंजन
  • जीवन शैली
  • धर्म
  • अपराध
  • वीडियो
कोई परिणाम नहीं
सभी परिणाम देखें
  • Home
  • भारत
  • दुनिया
  • व्यवसाय
  • खेल
  • तकनीकी
  • मनोरंजन
  • जीवन शैली
  • धर्म
  • अपराध
  • वीडियो
कोई परिणाम नहीं
सभी परिणाम देखें
Indiakatha.com
कोई परिणाम नहीं
सभी परिणाम देखें

दुनिया के 90 देशों में पेट्रोल के बढ़ते दामों पर हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन: बीबीसी विशेष

October 18, 2022
में दुनिया
पढ़ने का समय:12 मिनट पढ़ें
A A
शेयर करनाशेयर करनाशेयर करनाशेयर करनाशेयर करना
  • एफ़रेम गेबरीब & थॉमस नाडी & रंगा सिरीलाल & बेकी डेल
  • बीबीसी न्यूज़

11 मिनट पहले

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन,

इक्वाडोर में प्रदर्शन

बढ़ती महंगाई के कारण दुनिया भर में ज़िंदगी प्रभावित हुई है. कई देशों के लोग खाने-पीने के सामान, ईंधन और बाक़ी ज़रूरी चीज़ों की आसमान छूती क़ीमतों का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे हैं.

ईंधन के मूल्यों में बढ़ोतरी हमारी आम ज़िंदगी को कई तरह से प्रभावित करती है. माल की ढुलाई से लेकर निजी ट्रांसपोर्ट तक, ईंधन के दाम अपना असर छोड़ते हैं. इनकी वजह से खाने के दाम, बिजली का बिल और घर को ठंडा का गर्म रखने की क़ीमत बढ़ जाती है.

दुनिया भर में प्रदर्शनकारी परिवर्तन की मांग कर रहे हैं. लोग चाहते हैं कि पेट्रोल की क़ीमतें कम हों. कई देशों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए हैं तो कई जगहों पर सरकार पर हमला भी हुआ है. कई स्थानों पर लोगों ने इसके लिए बड़ी क़ीमत भी चुकाई है.

16 साल की खदीजा बाह अपने घर के दरवाज़े पर खड़ी थीं कि अचानक एक गोली उन्हें लगी.

खदीजा अपने घर से कुछ ही मीटर की दूरी पर कई दिनों से एक उग्र भीड़ को निहारती रहती थीं. ये लोग ईंधन के बढ़ते दामों का विरोध कर रहे थे.

लेकिन दस अगस्त को एक छोटे से अफ़्रीकी देश सिएरा लियोन में चल रहा ये प्रदर्शन हिंसक हो गया. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के दौरान एक गोली अचानक ख़दीजा को भेद गई. वे नीचे गिरीं और अपनी अंतिम सांस ली.

ख़दीजा की माँ मारिया सेसे कहती हैं कि उनको तो अब भी अपनी बेटी की मौत का यक़ीन नहीं है. ख़दीजा बड़ी होकर नर्स बनना चाहती थीं.

मारिया कहती हैं, “मैं बहुत दुखी हूँ. मैंने बहुत मुश्किलों से अपनी बेटी को पाला था. अब उसे खो दिया है. ये मेरे लिए बहुत ही दर्दनाक हालात हैं.”

इमेज कैप्शन,

ख़दीजा की मां मारिया (बाएं) और पिता अब्दुल (दाएं)

ईंधन के लिए ‘जंग‘

सिएरा लियोन में ऐसे प्रदर्शन और हिंसा आम बात नहीं है.

लेकिन इस वर्ष अगस्त में वहाँ 25 लोगों की मौत हुई जिनमें से पांच पुलिस अधिकारी थे. इन सब की मौत देश की राजधानी फ़्रीटाउन में प्रदर्शकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष के दौरान हुई.

पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती क़ीमतों का असर महज़ ट्रांसपोर्ट पर ही नहीं पड़ता है बल्कि इसकी वजह से माल की ढुलाई महंगी होती है और खाने के सामान की क़ीमतें भी बढ़ जाती हैं.

मार्च से अब तक सिएरा लियोन में ईंधन के दाम दोगुने हो गए हैं. इसकी वजह से खाने के सामान की क़ीमतें बेतहाशा बढ़ रही हैं.

महंगाई की मार झेल रहे देश में इस वर्ष जुलाई में केंद्रीय बैंक ने नए नोट जारी कर अर्थव्यवस्था में लोगों का भरोसा क़ायम करने का प्रयास किया था.

इमेज स्रोत, AFP

इमेज कैप्शन,

अगस्त में फ्रीटाउन में एक प्रदर्शन

हिंसक प्रदर्शन को रोकने के लिए आख़िर में सरकार को सारे शहर में कर्फ़्यू लगाना पड़ा. साथ ही इंटरनेट सेवाएं भी सीमित करनी पड़ीं.

सिएरा लियोन के राष्ट्रपति जूलियस माडा बॉयो ने बाद में कहा कि प्रदर्शन दरअसल उन्हें सत्ता से हटाने के लिए थे. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बीबीसी को बताया कि ऐसा बिल्कुल नहीं था और वे महंगाई के विरुद्ध सड़कों पर उतरे थे.

लेकिन महंगाई की ये मार सिर्फ़ सिएरा लियोन ही नहीं झेल रहा. दुनिया में कई और जगह ऐसे ही संघर्ष चल रहे हैं.

पेट्रोल का का ग्लोबल संकट

दुनिया भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का डेटा आर्म्ड कॉन्फ़िल्क्ट लोकेशन एंड इवेंट डेटा प्रोजेक्ट (एकलेड) इकट्ठा करता है. इसी डेटा का विश्लेषण कर बीबीसी ने पाया है कि इस वर्ष जनवरी से सितंबर के बीच 90 से अधिक देशों में खाने-पीने के सामान और ईंधन की क़ीमतों पर प्रदर्शन हुए हैं.

इनमें से एक तिहाई देशों में साल 2021 में ईंधन के मुद्दे पर कोई प्रदर्शन नहीं हुए थे. मिसाल के तौर पर स्पेन में 2021 में कोई प्रदर्शन नहीं हुए थे, लेकिन इस वर्ष अकेले मार्च में 335 प्रदर्शन हो चुके हैं.

Your device may not support this visualisation

बीते नौ महीनों में दुनिया के हर महाद्वीप में कहीं न कहीं प्रदर्शन हुए हैं.

इंडोनेशिया में पेट्रोल के दाम बढ़ने के विरोध में इस वर्ष अब तक 400 प्रदर्शन हुए हैं. इटली में इस वर्ष के पहले आठ महीनों में 200 प्रदर्शन हुए हैं. इसकी तुलना में पिछले वर्ष सिर्फ़ दो ही प्रदर्शन हुए थे. इक्वाडोर में इस साल सिर्फ़ जून में ही एक हज़ार से अधिक प्रदर्शन हुए हैं.

हेनरी विलकिन्सन ड्रैगनफ़्लाई नाम की कंपनी में चीफ़ इंटेलिजेंस ऑफ़िसर हैं. ये कंपनी सुरक्षा और इंटेलिजेंस के क्षेत्र में काम करती है. उनके मुताबिक़ विरोध प्रदर्शन वाली जगहें हैरान करने वाली हैं.

विलकिन्सन ने बीबीसी को बताया, “हम इस बार ऐसी जगहों पर विरोध प्रदर्शन देख रहे हैं जहाँ पहले ऐसा नहीं होता था. यूक्रेन के युद्ध के बड़े दुष्प्रभाव पड़े हैं. अगर वो युद्ध समाप्त हो जाता है तो ग्लोबल संकट काफ़ी हद तक हल हो जाएगा.”

क्या सिर्फ़ यूक्रेन की वजह से बढ़ रहे हैं पेट्रोल के दाम?

नहीं. दुनिया में पेट्रोल के दाम बढ़ने के तीन प्रमुख कारण हैं.

क्रूड ऑयल (कच्चा तेल): कोविड संकट के शुरू में क्रूड ऑयल सस्ता था क्योंकि कई बिज़नेस अस्थाई तौर पर बंद हो गए थे और ऊर्जा की मांग काफ़ी घट गई थी. लेकिन जैसे ही ज़िंदगी नॉर्मल हुई, ऊर्जा की मांग बढ़ी तो दाम ऊपर की ओर भागने लगे.

अमेरिकी डॉलर: इस वक्त अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड, यूरो (यूरोपीय देशों की मुद्रा) , युआन (चीन की मुद्रा) और येन (जापान की मुद्रा) के मुकाबले अपने सबसे ऊपर के स्तर पर है. जिस कच्चे तेल से पट्रोल बनाया जाता है उसकी पेमेंट अमेरिकी डॉलर में होती है. अगर स्थानीय करेंसी डॉलर के मुक़ाबले कमज़ोर हुई तो ज़ाहिर ईंधन के दाम भी बढ़ जाएंगे.

यूक्रेन-रूस युद्ध: इस युद्ध के कारण कई देशों ने रूसी तेल के आयात पर पाबंदी लगा दी है. इसलिए अन्य उत्पादक देशों के लिए दाम बढ़ गए हैं.

आर्थिक से राजनीतिक अस्थिरता तक

जिन 91 देशों में ईंधन के दामों के बीच अस्थिरता देखी गई उनमें से श्रीलंका ने ख़ूब सुर्ख़िया बटोरीं. हज़ारों की तादाद में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के निवास में प्रवेश किया. भारी विरोध के बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को अपना पद छोड़ना पड़ा.

सारे एशिया महाद्वीप में सबसे अधिक मुद्रास्फीति दर के कारण श्रीलंका में अब ईंधन से लेकर दवाओं और खाने की क़ीमतें आसमान छू रही हैं.

इमेज कैप्शन,

कोलंबो में प्रदर्शन

कोलंबो के एक उपनगर में विमला दिसानायके सब्ज़ी की दुकान चलाती हैं. वो बताती हैं कि उनका परिवार अब बमुश्किल ही गुज़ारा कर पा रहा है

उन्होंने बताया, “हर चीज़ के दाम छप्पर फाड़ कर बढ़ रहे हैं. हर चीज़ की क़ीमत बढ़ी है लेकिन आय नहीं बढ़ी है.”

“मेरे तीन बच्चे हैं. महंगाई इतनी बढ़ गई है कि अब हर बच्चे का स्कूल जाने का किराया सौ रुपए है. तो कुल मिलाकर हर दिन 600 रुपए किराए में ही चले जाते हैं.”

विमला कहती हैं कि अब उनके पास अपनी छोटी-सी लॉरी में पेट्रोल डलवाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते हैं. वो अब सब्ज़ी मंडी से अपना सामान पब्लिक ट्रांसपोर्ट से ही ला पाती हैं.

“दाम इतने बढ़ गए हैं कि मेरे ग्राहक कुछ खर्चना ही नहीं चाहते. जो लोग एक किलो सब्ज़ी ख़रीदते थे वो अब 100 ग्राम और 200 ग्राम मांगते हैं. और जो लोग कारों में घूमते थे वो अब पैदल ही यहाँ तक आते हैं.”

महंगाई का अंत नहीं

दुनिया भर की सरकारें अपने देश के आर्थिक संकट का हल खोजने का प्रयास कर रही हैं. इस बीच प्रदर्शन भी हो रहे हैं. कई लोगों को इसकी क़ीमत जान देकर चुकानी पड़ रही है.

बीबीसी के शोध से पता चला है कि सिर्फ़ बीते नौ महीनों में 80 से अधिक लोग विरोध प्रदर्शनों के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. मरने वाले लोग अर्जेंटीना, इक्वाडोर, गिनी, हेती, कज़ाख़स्तान, पनामा, पेरू, दक्षिण अफ़्रीका और सिएरा लियोन जैसे देशों से हैं.

उधर सिएरा लियोन के फ़्रीटाउन में अब गलियां शांत हैं. अधिकतर दुकानें खुल गई हैं. हालात सामान्य होते दिख रहे हैं.

पर ख़दीजा की मां और पिता के लिए ज़िंदगी अब कभी पहले जैसी नहीं होगी.

वो कहती हैं, “मेरी बेटी बहुत ही होनहार थी. अब वो नहीं है.”

ये भी पढ़ें:–

श्रेय: स्रोत लिंक

अगली पोस्ट

मनोरंजन की खबरें | राजामौली की अगली फिल्म में महेश बाबू के साथ नजर आएंगी दीपिका पादुकोण

इस बारे में चर्चा post

अनुशंसित

Samastipur News: अपराध की योजना बनाते कुख्यात अंकित सहित 8 गिरफ्तार, हथियार व चोरी की बाइक भी बरामद – News18 हिंदी

1 day पहले

Memory Booster Food याद्दाश्त बढ़ाने में मदद करेंगे ये 5 फूड आइटम्स शुरू करें सेवन.. – दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

2 weeks पहले

खेलकूद प्रतियोगिता: प्लस टू उवि शंभुआड़ के खेल मैदान में बॉल बैडमिंटन रग्बी, फुटबॉल और हैंडबॉल मैच का होगा आ… – Dainik Bhaskar

2 weeks पहले

18 मार्च का राशिफल: मेष राशि वालों को ट्रांसफर संबंधी अच्छी खबर मिल सकती है और वृश्चिक राशि वालों का इनकम स… – Dainik Bhaskar

1 week पहले

IND vs AUS: भारत के खिलाफ फिर गरजे ऑस्ट्रेलियाई लायन, भारतीय सरजमीं पर पूरा किया पचासा – Times Now Navbharat

4 weeks पहले

हमारे बारे में

यह एक ऑनलाइन समाचार पोर्टल है जिसका उद्देश्य जीवन के लोकप्रिय क्षेत्रों के साथ-साथ नवीनतम हिंदी समाचारों को साझा करना है। नवीनतम भारत समाचार, विश्व, खेल, प्रौद्योगिकी, व्यवसाय, मनोरंजन, धर्म, जीवन शैली, अपराध और भी बहुत कुछ।

कवर करने के लिए विषय

  • अपराध (2,073)
  • खेल (2,084)
  • जीवन शैली (2,017)
  • तकनीकी (2,045)
  • दुनिया (2,081)
  • धर्म (2,087)
  • भारत (2,073)
  • मनोरंजन (1,801)
  • वीडियो (3,566)
  • व्यवसाय (2,026)

यहाँ नया क्या है!

  • Haryana News: मेरी फसल मेरा ब्यौरा और क्षति पूर्ति पोर्टल खुले, तकनीकी खामियां बरकरार, किसान परेशान – अमर उजाला
  • Today Entertainment News: प्रियंका चोपड़ा बनीं इस कमेटी का हिस्सा, आकांक्षा रंजन ने शरण शर्मा संग रिश्ता किया – Bollywood Life हिंदी
  • Israel Embassy in India: भारत में राजदूत समेत इस्राइल दूतावास के अधिकारी हड़ताल पर, जानें क्या है वजह – अमर उजाला
  • संपर्क करें
  • गोपनीयता नीति
  • उपयोग की शर्तें
  • डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट

© indiakatha.com - सर्वाधिकार सुरक्षित!

कोई परिणाम नहीं
सभी परिणाम देखें
  • Home
  • भारत
  • दुनिया
  • व्यवसाय
  • खेल
  • तकनीकी
  • मनोरंजन
  • जीवन शैली
  • धर्म
  • अपराध
  • वीडियो

© indiakatha.com - सर्वाधिकार सुरक्षित!