राजीव कुमार, नई दिल्ली। आंतरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अमेरिका ने चीन की टेलीकाम उपकरण और टेलीकाम सर्विस कंपनियों से किसी भी प्रकार की खरीदारी करने पर पाबंदी लगा दी है। इसका सीधा फायदा भारत में टेलीकाम उपकरण बनाने वाली कंपनियों को मिलने जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, टेलीकाम निर्यात बढ़ने के साथ प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत निवेश कर रही टेलीकाम कंपनियों को भारी मात्रा में अमेरिका से आर्डर मिलेंगे। अभी भारत में टेलीकाम उपकरण और टेक्नोलाजी के क्षेत्र में नोकिया और एरिक्सन जैसी कंपनियां सक्रिय हैं।
अमेरिकी पाबंदी का भारत को मिलेगा फायदा
अमेरिकी पाबंदी के बाद कई अन्य विदेशी टेलीकाम कंपनियां भारत में निवेश करेंगी। टेलीकाम एंड सर्विस एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन संदीप अग्रवाल ने बताया कि जेडटीई और हुआवे बहुत बड़ी कंपनियां हैं और इन कंपनियों के लिए काम करने वाली छोटी-छोटी कंपनियां भी अब अमेरिका में कारोबार नहीं कर पाएंगी। इसका फायदा भारत में उभरती हुई छोटी-छोटी टेलीकाम कंपनियों को मिलेगा।
कुछ साल पहले अमेरिका ने आप्टिकल फाइबर के मामले में भी चीन पर पाबंदी लगाई थी और इसका लाभ भारतीय कंपनी स्टरलाइट को मिला। ऐसे ही टेलीकाम उपकरणों के मामले में होगा। भारत में बनने वाले राउटर, रेडियो उपकरण के लिए बड़ा बाजार खुल जाएगा और पहले से बढ़ रहे टेलीकाम निर्यात में और तेजी आएगी।
अमेरिका के लिए वियतनाम भी नहीं है भरोसेमंद
विशेषज्ञों के मुताबिक वियतनाम में भी टेलीकाम उपकरण बनते हैं, लेकिन वहां चीन की कंपनियां ही सबसे अधिक सक्रिय हैं। इतना ही नहीं वियतनाम की कंपनियां चीन की टेलीकाम टेक्नोलाजी का ही अधिक इस्तेमाल कर रही हैं। इस वजह से वियतनाम भी अमेरिका के लिए अधिक भरोसेमंद नहीं रह गया। भारत दो साल पहले ही सरकारी टेलीकाम सेवा कंपनियों की खरीद में चीन की कंपनियों से खरीदारी पर रोक लगा चुका है।
पिछले पांच सालों में टेलीकाम सेक्टर का निर्यातवित्त वर्ष
निर्यात
2017-18—– 1.7
2018-19—— 3.2
2019-20——5.3
2020-21——5.0
2021-22—— 8.2
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Edited By: Piyush Kumar
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