प्रयागराज, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में उच्च पदों पर बैठे पुरातन छात्र और उद्योग जगत से जुड़े दिग्गज आभासी दुनिया की नई तकनीकों पर शोध के लिए भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) का सहयोग करेंगे। इसमें मेटावर्स, वर्चुअल रियलिटी और आगमेंटेड रियलिटी जैसे विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं।
रविवार को ट्रिपलआइटी में हुए आनलाइन-आफलाइन उद्योग-एकेडमिक कानक्लेव में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में उच्च पदों पर बैठे पुरातन छात्र, उद्योग प्रतिनिधियों और ट्रिपलआइटी के प्रतिनिधियों के बीच शोध, नवाचार और आइपीआर के क्षेत्र में सहयोग की सहमति बनी।
ट्रिपलआइटी को रिसर्च में पूरा सहयोग देने का आश्वासन
मेटावेयर क्षेत्र में काम करने वाली दो विदेशी कंपनियों आइथ्री सिमुलेशन के संस्थापक देवी कोली और एनवीडिया ग्राफिक्स के सीनियर साल्यूशन आर्किटेक्ट शशि कुमार रामचंद्रन नायर ने मेटावर्स के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए ट्रिपलआइटी को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। डीन पुरा छात्र प्रो. अनुपम अग्रवाल ने बताया कि मेटावर्स तकनीक की मदद से लोगों को आभाषी दुनिया का अहसास होगा। अपनी आभासी पहचान से वे एक आभासी दुनिया में घूम सकेंगे। यह अनुभव उनको वास्तविक अनुभव जैसा होगा। प्रो. अग्रवाल ने बताया कि दोनों कंपनियों ने मेटावर्स के साथ ही आगमेंटेंड रियलिटी (एआर) और वर्चअल रियलिटी (वीआर) के क्षेत्र में शोध के लिए सहयोग करेंगी। कानक्लेव में आइबीएम ने ट्रिपलआइटी के इनावेशन सेल के सहयोग का भरोसा दिया।
उद्योगों की समस्याओं से विद्यार्थियों को अवगत कराया जाएगा। विद्यार्थी इसका समाधान निकालने के लिए अनुसंधान करेंगे। कई पुरातन छात्र बौद्धिक संपदा अधिकार आइपीआर के क्षेत्र से जुड़े हैं। इनकी मदद से संस्थान में कापीराइट-पेटेंट की संख्या बढ़ाने पर विचार होगा। इसमें पुरातन छात्र निर्देशन करेंगे।
डीन तकनीक विकास प्रो. ओपी व्यास ने कहा कि कंपनियां व्यावसायिक अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं और छात्र सिद्ध कार्यप्रणाली और विशेषज्ञता का योगदान करते हैं। डीन प्रो. प्रो माधवेंद्र मिश्र ने कहा कि जिन कंपनियों का अकादमिक समुदाय से घनिष्ठ संबंध नहीं है उनकी प्रगति सुस्त रहती है। ट्रिपलआइटी के पुरा छात्र जेमिनी साल्यूशंस के उपाध्यक्ष सौमेंद्र नाथ रे, आइबीएम के सेल्स लीडर गगन अग्रवाल, लेक्स एनालिटिको कंसल्टिंग के संस्थापक ज्ञानवीर सिंह, अपरमेय शुक्ला वरिष्ठ उत्पाद प्रबंधक, निसान मोटर्स ने संबंधित विशेषज्ञ क्षेत्रों में एक साथ काम करने की संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए।
यह होता है एआर-वीआर
प्रो. अनुपम ने बताया कि आगमेंटेड रियलिटी में किसी भी चीज को बेहतर बनाकर दिखाया जाता है ताकि व वास्तविक लगे।वहीं वर्चुअल रियलिटी कंप्यूटर में बनी एक आभासी दुनिया है, इसमें थ्रीडी प्रभाव के जरिए अस्ली वातावरण को दिया जाता है।
Edited By: Ankur Tripathi
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