सुरेंद्र कौर-धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बड़े बदलाव किए गए हैं। अब पॉलीटेक्रिक छात्रों को मात्र अपने विषय का ही ज्ञान नहीं मिलेगा बल्कि अब इंजीनियरिंग के स्टूडेंट योग, इंवायरमेेंट साइंस, भाषा के विषय व भारतीय संस्कृति के विभिन्न सांस्कृतिक विषय भी पढ़ सकेंगे। इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तकनीकी संस्थानों में नया सिलेबस भी शुरू कर दिया गया है। इसमें अब प्रसेंटेज की बजाय क्रेडिट सिस्टम छात्रों के लिए रहेगा, जिसमें छात्रों को थ्योरी व पै्रक्टिकल सहित वर्ष भर चलने वाली कक्षाओं के हिसाब से क्रेडिट बांटें गए हैं, जिन्हें प्राप्त करने के बाद ही छात्रों के ग्रेड प्राप्त हो पाएंगे। इसी शैक्षणिक सत्र में किए गए बड़े बदलाब अब आगामी समय में टैक्रिकल एजुकेशन में बड़े स्तर पर देखने को मिलेंगे, जिससे अब इंजीनियरिंग कालेज में मात्र एक इंजीनियर ही तैयार नहीं होगा, उसे भारतीय इतिहास, संस्कृति व सभ्यता की शिक्षा भी प्राप्त होगी। नई नीति के प्रावधानों के तहत अब इंजीनियरिंग के स्टूडेंट को भी सांस्कृतिक विषय पढऩे अनिवार्य होंगे। नीति से विद्यार्थियों में तकनीकी वोकेशनल विकास के साथ-साथ अब सांस्कृतिक विकास भी किया जाएगा।
तकनीकी संस्थानों ने भी नई शिक्षा नीति को अपना कर विद्यार्थियों को नए सिलेबस के अनुकूल पढ़ाया जा रहा है। इसके तहत अब तकनीकी शिक्षा बोर्ड हिमाचल प्रदेश ने क्रेडिट सिस्टम लागू कर दिया है। क्रेडिट फ्रेम वर्क में अब विद्यार्थियों को प्रसेंटेज के बजाय ग्रेड में परिणाम दिए जाएंगें। एक नेशन एक कैरिकूलम के अंतर्गत विद्यार्थियों का वर्ष बर्बाद होने से बचेगाा व जिस विषय में भी उसने पढ़ाई की होगी उसके क्रेडिट उसको मिलते रहेंगे। उधर, तकनीकी शिक्षा बोर्ड के सेके्रटरी आरके शर्मा ने बताया कि नई नीति के अनुसार टैक्रिकल बोर्ड ने कैरिकूलम को रिवाइज कर प्रथम वर्ष के छात्रों को नए सिलेबस के अनुसार पढ़ाया जा रहा है। इसमें उनको मलटीडिस्पलेनरी विषय सम्मिलित किए गए है, जो अनिवार्य किए गए है, और बच्चों को पढऩे ही पढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि इस बार ग्रेडिंग सिस्टम के आधार पर ही रिजल्ट दिया जाएगा। इन अनिवार्य स्किल्स बेस्ड विषय पर विद्यार्थी को संस्थानों से ही तैयार करके भेजा जाएगा। जिससे उन्हें भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढऩे में कोई परेशानी न झेलनी पड़े। (चडीएम)
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