उज्जैन2 घंटे पहले
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टोल प्लाजा पर लगे सिस्टम में तकनीकी खराबी का खामियाजा वाहन चालकों को दाेगुना टोल चुकाकर भुगतना पड़ रहा
- उज्जैन से जाते समय और इंदौर से वापसी करते भी दोनों टोल पर राशि काट रहे
इंदौर-उज्जैन फोरलेन के टोल प्लाजा से गुजरने पर उन वाहन चालकों को डबल टोल चुकाना पड़ रहा है, जिन्होंने वाहन में फास्टैग लगवा रखा है। इसमें उज्जैन से इंदौर जाते समय दोनों टोल पर 35-35 रुपए कट रहे हैं और वापसी में भी दोनों टोल पर 35-35 रुपए काटे जा रहे हैं। 140 रुपए कार चालकों को चुकाना पड़ रहे हैं। टोल प्लाजा पर लगे सिस्टम में तकनीकी खराबी का खामियाजा वाहन चालकों को दाेगुना टोल चुकाकर भुगतना पड़ रहा है।
नियम के तहत दोनों टोल में से जिस टोल से गाड़ी पहले इंटर होगी, उस समय टोल की राशि फास्टैग में कटना होती है, उसके बाद के टोल पर राशि नहीं कटना चाहिए। एमपीआरडीसी का तर्क है कि तकनीकी त्रुटि से ऐसा हो रहा होगा, राशि वापस वाहन चालक के खाते में जमा हो जाएगी। जिन वाहनों की ज्यादा राशि कटी है, उनकी 72 घंटे में राशि ऑटोमेटिक वापस हो जाएगी।
ऐसे लग रहा डबल टोल
इंदौर रोड पर निनोरा टोल प्लाजा से गाड़ी गुजरने के दौरान 35 रुपए कटते हैं और आगे बोरोली टोल प्लाजा पर भी 35 रुपए कट रहे हैं यानी एक तरफ के ही दो-दो टोल लग रहे हैं। इसी तरह इंदौर से उज्जैन वापसी के दौरान भी दोनों टोल पर 35-35 रुपए कट रहे हैं। इस तरह से दोनों तरफ का करीब 140 रुपए टोल वसूला जा रहा है।
ये मामले… तकनीकी खामी को दूर करना चाहिए
- ऋषिनगर में रहने वाले अनिल श्रीवास्तव इंदौर गए तो फास्टैग में दोनों टोल पर 35-35 रुपए कट गए। इंदौर से उज्जैन वापसी के दौरान भी दोनों टोल पर भी 35-35 रुपए कट गए। इस तरह के कुल 140 रुपए टोल राशि काटी गई। श्रीवास्तव का कहना है कि एक टोल की बजाए दोनों टोल पर राशि कट रही है।
- इंदिरानगर में रहने वाले वाहन चालक का कहना है कि इंदौर जाने पर डबल टोल लग रहा है। उज्जैन से इंदौर जाते समय दोनों टोल पर राशि कट रही है और वापसी में भी दोनों टोल पर राशि काटी जा रही है। इससे वाहन चालकों को डबल टोल लग रहा है। सिस्टम में कोई तकनीकी खामी है तो उसे दूर किया जाना चाहिए।
क्या है फास्टैग सिस्टम…
यह इलेक्ट्राॅनिक टोल कलेक्शन तकनीक है, जिसमें टैग को वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है, ताकि टोल पर मौजूद सेंसर इसे पढ़ सके। डिवाइस रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है, जब वाहन टोल प्लाजा पर फास्टैग लेन से गुजरता है तो ऑटोमेटिक टोल चार्ज कट जाता है। वाहनों को रुकना नहीं पड़ता है। फास्टैग पांच साल के लिए एक्टिव रहता है। इसे समय पर रिचार्ज करवाना होता है।
फास्टैग फिर भी टोल पर वाहनों का लग रहा जाम
फास्टैग का उद्देश्य था कि टोल प्लाजा पर गाड़ियों की कतार नहीं लगे और वाहन चालकों को नकद राशि नहीं देना पड़े। लेकिन जब से व्यवस्था लागू हुई है, टोल पर वाहनों की लंबी कतार लगने लग रही है।
डबल राशि कटी है ताे वापस हाे जाएगी
जिस टोल से इंट्री होती है, वहां फास्टैग में राशि कटती है। तकनीकी त्रुटि से हो रहा होगा तो सुधार कराएंगे। डबल राशि कटी है तो वापस हो जाएगी।
आरके जैन,
संभागीय प्रबंधक, एमपीआरडीसी
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