संभल9 घंटे पहले
सपा सांसद शफीकुर्रहमान द्वारा मायावती की तारीफ को किए जाने को लेकर समाजवादी पार्टी में घमासान मचा हुआ है। सपा विधायक इकबाल महमूद ने बर्क पर हमला बोलते हुए कहा था कि सांसद के बयानों से मुसलमान लगातार पिट रहा है। इनका दिमाग इतना काम नहीं करता है। अब शफीकुर्रहमान बर्क के पोते और कुदंरकी सीट से विधायक जियाउर्रहमान बर्क़ ने उनपर पलटवार किया है।जियाउर्रहमान ने कहा कि बर्क साहब के बारे में बोलने से पहले उन्हें अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए।
जियाउर्रहमान बर्क ने सपा विधायक और पूर्व मंत्री इकबाल महमूद पर जवाबी हमला करते हुए कहा कि इकबाल महमूद जब बोलते हैं तो उन्हें दुनिया का होश नहीं रहता है, क्योंकि वह किसी दूसरी चीज के शौकीन हैं। मनोरंजन के लिए वह उसका इस्तेमाल कर लेते है। इकबाल महमूद को अपने दिमाग का इलाज कराना चाहिए। उन्हें बर्क साहब के बारे में बोलने से पहले अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए, क्योंकि जब पार्टी को उनकी जरूरत थी तो वह टेबल के नीचे छुप गए थे। रही बात बसपा नेता मायावती की तारीफ की तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी उन्हें उनके जन्मदिन पर बधाई दे चुके हैं।
सांसद पौत्र विधायक जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि सांसद पार्टी के लिए ही काम कर रहे हैं। बर्क पर उंगली उठाने वाले की इतनी हैसियत नहीं है कि वह उनकी बराबरी कर सकें। विधायक 6-7 बार विधायक अपने दम पर नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी के दम पर बने हैं। यहां की जनता उन्हें समाजवादी पार्टी के नाम पर ही वोट देती है।
ऐसा न हो विधायक को एक ही बार में चार लोग उठाएं
विधायक जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि सांसद की उम्र 94 साल है, तो दो-तीन लोग उठाते-बिठाते रहे हैं। ऐसा न हो कि विधायक को एक ही बार में चार लोग उठाएं। अखिलेश यादव को ब्लैकमेल करने की कोई बात नहीं है, क्योंकि अभी चुनाव नजदीक नहीं है। शायद विधायक इक़बाल महमूद को ख्वाब में आया हो। सांसद बर्क समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से हैं। विधायक ने हमेशा समाजवादी पार्टी के खिलाफ संभल में चुनाव लड़ाया है, यह समाजवादी पार्टी के हमदर्द नहीं है। यह अपनी कुर्सी हासिल करने के लिए किसी भी मुकाम तक जा सकते हैं।
जियाउर्रहमान बर्क ने दिया जवाब
जियाउर्रहमान ने कहा कि बर्क़ साहब सपा के सांसद हैं। उनका बसपा में जाने का कोई इरादा नही है। हमारा समाजवादी पार्टी छोड़ने का कोई इरादा है ही नहीं और ना ही बर्क़ साहब बसपा में जा रहे हैं. इकबाल महमूद को जवाब देने के लिए मैं ही काफी हूं। उन्होंने कहा कि जब गोली से काम चल जाए तो तोप चलाने की क्या जरूरत है। हमें यह देखना होता है कि शिकार किस स्तर का है।
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