चिरंजीब बिस्वाल (बाएं), और मोहम्मद मोकिम (दाएं)। (न्यूज़18)
उन्हें पहले नोटिस दिए गए थे और उनके खिलाफ मुद्दों और आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा गया था और उनके जवाबों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने शनिवार को कथित तौर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए दो वरिष्ठ नेताओं को अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए नोटिस दिए जाने के कुछ दिनों बाद निलंबित कर दिया।
अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति (डीएसी) ने बाराबती-कटक विधायक मोहम्मद मोकिम और पूर्व विधायक चिरंजीब बिस्वाल को पार्टी से निलंबित कर दिया है।
उन्हें पहले नोटिस दिया गया था और उनके खिलाफ मुद्दों और आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा गया था और उनके जवाब के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
एआईसीसी के सदस्य सचिव-डीएसी तारिक अनवर ने कहा, “दोनों नेताओं से प्राप्त जवाबों पर सावधानीपूर्वक विचार किया गया और असंतोषजनक पाया गया।”
इसके बाद डीएसी ने दोनों नेताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की घोषणा की।
यह तब हुआ है, जब ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष शरत पटनायक ने दोनों नेताओं की कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों को समिति के सामने लाया था।
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मोकिम ने कहा कि ”उन्होंने पार्टी के किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है. वह अभी भी कांग्रेस में हैं और 2024 का चुनाव कांग्रेस के टिकट से ही लड़ने जा रहे हैं। पार्टी से टिकट नहीं मिलने की स्थिति में वह स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।”
निलंबित नेता कौन थे?
बिस्वाल पहले भी दो बार कांग्रेस के टिकट पर ओडिशा विधानसभा के लिए चुने गए थे। वह पूर्व उपमुख्यमंत्री बसंता बिस्वाल के बड़े बेटे हैं। उन्होंने कुछ वर्षों तक पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
मोकिम 2019 में पहली बार ओडिशा विधानसभा के लिए चुने गए थे। बाराबती-कटक विधायक ने 2022 में राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के लिए मतदान किया था।
गौरतलब है कि मोकिम और बिस्वाल ने कुछ दिन पहले ही भुवनेश्वर में एक बैठक में ओपीसीसी की मौजूदा स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किये थे.
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