जानकारों का कहना है कि इसमें एक संभावित ऊर्जा कोण भी है। रूस और यूरोप के बीच ऊर्जा संघर्ष बढ़ रहा है और सर्दियों के करीब आने के साथ ही इसके और बढ़ने की आशंका है। खारकीव में ताकत झोंकने की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कवायद को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।
पुतिन ने ऊर्जा क्षेत्र, बैंकिंग और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों को अपनी नौकरी में बने रहने की आधिकारिक अनुमति दी है। दरअसल, र्इंधन और निर्यात राजस्व प्रदान करने वाले तंत्र को युद्ध के लिए मूल्यवान मानते हुए पुतिन ने ताजा निर्देश जारी किए हैं। तेल और गैस श्रमिकों को लेकर रूसी मीडिया में पूछा जा रहा था कि क्या इस क्षेत्र के लोगों को युद्ध के वास्ते तैनाती के लिए लक्षित किया जाएगा या नहीं।
सितंबर 2022 में हुए विस्फोटों से रूस से यूरोप तक नार्ड स्ट्रीम एक और दो गैस पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। यह घटना इस जटिल और अस्थिर क्षेत्र में नवीनतम घटना हैं। वैश्विक ऊर्जा नीति के एक विश्लेषकों को लगता है कि ऊर्जा आपूर्ति में और व्यवधान हो सकते हैं। इसमें क्रेमलिन द्वारा यूरोपीय सरकारों पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए सीधे आदेश के जरिए या नए तोड़फोड़ के परिणामस्वरूप, या विशेष उपकरणों और प्रशिक्षित रूसी जनशक्ति की कमी की वजह से दुर्घटनाएं या व्यवधान की स्थिति बनाई जा सकती है।
रूस ने उन यूरोपीय देशों पर दबाव बनाने के प्रयास में यूरोप में प्राकृतिक गैस की खेप को काफी कम कर दिया है, जो यूक्रेन का पक्ष ले रहे हैं। मई 2022 में, सरकार के स्वामित्व वाली ऊर्जा कंपनी गैजप्रोम ने एक प्रमुख पाइपलाइन को बंद कर दिया, जो बेलारूस और पोलैंड से होकर गुजरती है।
जून में, कंपनी ने नार्ड स्ट्रीम एक पाइपलाइन के माध्यम से जर्मनी को आपूर्ति कम कर दी। इसकी क्षमता 17 करोड़ घनमीटर प्रति दिन थी, जिसे घटाकर मात्र चार करोड़ घनमीटर प्रति दिन कर दिया गया। कुछ महीने बाद गैजप्रोम ने घोषणा की कि नार्ड स्ट्रीम एक को मरम्मत की आवश्यकता है और इसे पूरी तरह से बंद कर दिया। अब अमेरिका और यूरोपीय नेताओं का आरोप है कि रूस ने यूरोपीय ऊर्जा आपूर्ति को और बाधित करने के लिए जानबूझकर पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाया है।
पाइपलाइन विस्फोट ऐसे समय हुआ, जब नार्वे से पोलैंड तक एक प्रमुख नई प्राकृतिक गैस पाइपलाइन की शुरुआत की गई। रूस के पास बहुत सीमित वैकल्पिक निर्यात अवसंरचना है, जो साइबेरियाई प्राकृतिक गैस को चीन जैसे अन्य ग्राहकों को स्थानांतरित कर सकती है, इसलिए अधिकांश गैस जो आमतौर पर यूरोप को बेची जाती है, उसे अन्य बाजारों में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। रूस के आरक्षित बलों की तैनाती के आदेश में तेल कंपनियों के कर्मचारी भी शामिल हैं। इससे कुछ अनुभवी विश्लेषकों ने यह सवाल करना शुरू कर दिया है कि क्या आपूर्ति में व्यवधान तेल में फैल सकता है, दुर्घटनावश या किसी उद्देश्य से।
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