बीजिंग, 29 सितंबर (भाषा) चीन की सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स के ‘पेट्रोलिंग प्वाइंट’ (पीपी)-15 से चीनी एवं भारतीय बलों का पीछे हटना सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति को बढ़ावा देने वाला कदम है।
चीनी रक्षा प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल टैन केफेई ने अपने मासिक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन-भारत कोर कमांडर-स्तरीय बैठक के 16वें दौर में बनी सहमति के अनुसार, जियानन डाबन क्षेत्र में सीमा पर तैनात दोनों सेनाओं के सैनिकों ने हाल में योजनाबद्ध तरीके से एक साथ पीछे हटना शुरू किया।
चीनी सेना गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पीपी 15 को जियान डाबन कहती है।
चीनी सेना की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार केफेई ने कहा, ‘‘यह दोनों पक्षों द्वारा राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर विचार-विमर्श करने और सभी स्तरों पर बातचीत के माध्यम से प्रासंगिक सीमा मुद्दों को हल करने का एक परिणाम है। यह सीमावर्ती क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल कदम है।’’
उन्होंने कहा कि चीन को उम्मीद है कि दोनों पक्ष समान दिशा में मिलकर काम करना जारी रखेंगे और ऐसा करते समय वे दोनों देशों और सेनाओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखेंगे तथा दोनों देशों के बीच हुए समझौतों एवं आम सहमति का सख्ती से पालन करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश संवाद बनाए रखेंगे, मतभेदों को प्रभावी ढंग से दूर करेंगे और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा और स्थिरता की संयुक्त रूप से रक्षा करेंगे।
भारत लगातार कहता रहा है कि द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है। गतिरोध को हल करने के लिए दोनों सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर की 16 दौर की बातचीत की।
पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया था।
दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी अस्त्र-शस्त्र भी तैनात कर दिए थे।
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