फिलीपींस से एक हैरान करने वाली खबर आई है कि वहां जुर्म के दुनिया के बेताज बादशाह बन चुके हैं चीन के अपराधी तत्व। इसे देखते हुए इसमें आश्चर्य नहीं कि फिलीपींस के कानून मंत्रालय ने इसको लेकर कड़े कदम उठाने की ठानी है। मंत्रालय ने अपने यहां 175 गैरकानूनी ऑनलाइन कैसिनो पर शिकंजा कस दिया है। इन्हें तत्काल बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। इतना ही नहीं, फिलीपींस सरकार ने इस कारोबार में लगे करीब 40 हजार से ज्यादा चीनियों का अपने यहां से बिस्तर गोल करके वापस चीन रवाना करने का फरमान दिया है।
मंत्रालय के बयान को देखने से पता चलता है कि चीन के अपराधी गुट वहां विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए चल रहे कैसिनो के कारोबार को अपनी मुट्ठी में कर चुके हैं। इन कैसीनो के माध्यम से खुलकर अपराध हो रहे हैं जो सरकार के लिए एक बड़ा सिरदर्द बनते जा रहे हैं।
सरकार द्वारा बंद किए जाने वाले अधिकांश कैसिनो गैरकानूनी तौर पर चलाए जा रहे थे। इनमें से कइयों का लाइसेंस खत्म हो चुका था या स्थानीय प्रशासन ने उन्हें रद्द कर दिया था तो भी ये चोरी-छुपे चलाए जा रहे थे। यानी ज्यादातर चीनी लोगों के कैसीनो सरकार को टैक्स दिए बिना ही करोड़ो रुपए कमाने में लगे थे।
फिलीपींस के कानून विभाग के प्रवक्ता का कहना है कि इन ऑनलाइन जुएबाजी के अड्डों, जिसे स्थानीय भाषा में ‘फिलीपीन ऑफशोर गेमिंग ऑपरेटर’ कहा जाता है, के विरुद्ध कड़े कदम उठाए गए हैं। अभी तो गैरकानूनी तौर पर जुएबाजी में लगे इन कैसीनों में काम कर रहे करीब 300 चीनी नागरिकों को हिरासत में रखा गया है। लेकिन, प्रवक्ता के अनुसार, सरकार फैसला ले चुकी है कि फिलीपींस से 40,000 चीनी नागरिकों को वापस उनके देश भेजने की तैयारी हो रही है।
इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि फिलीपींस में अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है जिसके पीछे यही चीनी हैं जो वहां गैरकानूनी तौर पर काम कर रहे हैं। इस चलन पर शिकंजा कसते हुए सरकार ने ऐसे चीनी कामगारों को हिरासत में ले लिया है। कानून विभाग के अनुसार, ऐसी एक जुआ कंपनी में अंदाजन 200 चीनी कामगार काम करते हैं। अक्तूबर से ऐसे तमाम कामगारों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई शुरू हो जाएगी। आगे इन्हें वापस इनके देश यानी चीन भेज दिया जाएगा।
फिलीपींस सरकार के आंकड़े बताते हैं कि चीन के अपराधी तत्व वहां हत्याओं, अपहरणों व अन्य अपराधों में लिप्त पाए गए हैं। पानी सिर पर आया तो फिलीपींस ने कानूनी तौर पर सख्ती करनी शुरू की। इसी सख्ती की बदौलत अब 40 हजार चीनियों को देश से बाहर करने का निर्णय लिया गया है।
दरअसल 2016 में फिलीपींस में जुएबाजी के कारोबार में तेजी से उभार आया था। दिलचस्प बात है कि इस तरह की ऑनलाइन गेमिंग पर चीन में पाबंदी है, लेकिन ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी वहां की कंपनियां दूसरे देशों में अपना तानाबाना खड़ा करती हैं। वहां इस कारोबार में अपने आदमी लगाकार मोटा पैसा बनाया जाता है। फिलीपींस में भी ठीक वही किया गया। वहां के ढीले-ढाले गेमिंग कानून का फायदा उठाकर चीन की कंपनियों ने कारोबार फैलाना शुरू कर दिया। कोविड19 महामारी शुरू होने से पहले इन जुआ कंपनियों के संचालकों ने उस देश में 3 लाख से ज्यादा चीनी कामगारों को इस काम से जोड़ा था।
फिलीपींस का वित्त मंत्रालय का मानना है कि वहां की सरकार ने सन 2020 में इन जुआ कंपनियों से मिलने वाले टैक्स से ही 900 करोड़ रु. से ज्यादा पैसा कमाया था। 2021 में यह कमाई गिरकर 544 करोड़ रुपए पर आ गई थी। एक अंदाजे के अनुसार, फिलीपींस में कैसिनो की इस जुएबाजी ने 20 लाख से ज्यादा चीनियों और 11 लाख से ज्यादा स्थानीय नागरिकों को रोजगार मिला हुआ था। इस कारोबार से फिलीपींस सरकार को साल में करीब 26 हजार करोड़ रु. मिलते हैं।
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