नई दिल्ली: इसे ‘शोक कूटनीति‘ कहा जा रहा है. क्योंकि वैसे तो पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को श्रृद्धांजलि देने के लिए जापान पहुंचे हैं लेकिन प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ हुई मुलाकात में ‘फ्री एंड ओपन’ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को लेकर चर्चा की गई. पीएम किशिदा ने चीन से मुकाबला करने के उद्देश्य से मंगलवार को अमेरिका और भारत से ‘मुक्त, खुले व समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए काम करने का अनुरोध किया.
पूर्व पीएम शिंजो आबे के अंतिम संस्कार के लिए अपने देश में एक बड़े प्रतिरोध का सामना कर रहे किशिदा के कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक, जापानी पीएम ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और ‘फ्री एंड ओपन’ इंडो-पैसिफिक की जरूरत पर बल दिया..
जापान, अमेरिका, भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर क्वाड बना है. सभी चार क्वाड देशों के नेताओं की आखिरी मुलाकात इस साल मई में शिखर स्तरीय वार्ता के दौरान हुई थी, जिसके लिए पीएम मोदी ने टोक्यो की यात्रा की थी.
आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मंगलवार सुबह टोक्यो पहुंचे मोदी ने किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक की. वहां उन्होंने कहा कि नई दिल्ली और टोक्यो के बीच घनिष्ठ साझेदारी ने भारत-जापान की ‘विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी’ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.
मोदी ने मंगलवार को एक द्विपक्षीय बैठक में किशिदा से कहा, ‘आबे सान के साथ विदेश मंत्री रहते हुए आपने भारत-जापान संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और कई क्षेत्रों में इसका विस्तार किया है. और हमारी दोस्ती यानी भारत और जापान की दोस्ती ने भी वैश्विक प्रभाव पैदा करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है. इस सब के लिए आज भारत के लोग आबे सान को बहुत याद करते हैं, जापान को बहुत याद करते हैं. भारत उन्हें हमेशा ऐसे ही याद करता रहेगा.’
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मोदी ने कहा, ‘लेकिन मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-जापान संबंध और प्रगाढ़ होंगे और नई ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि हम दुनिया की समस्याओं के लिए समाधान खोजने में उचित भूमिका निभाने में सक्षम होंगे.’
विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा जारी एक प्रेस बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने भारत-जापान साझेदारी को मजबूत करने और ‘मुक्त, खुले व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण को साकार करने की अवधारणा’ में दिवंगत जापानी पीएम आबे के योगदान को याद किया.’
MEA ने बयान में कहा, ‘दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ. उन्होंने कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की. नेताओं ने भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने, इस क्षेत्र में और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समूहों एवं संस्थानों में एक साथ काम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया.’
सोमवार को विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने टोक्यो के लिए रवाना होने से पहले एक मीडिया सम्मेलन में कहा कि जापान ‘भारत के सबसे भरोसेमंद और मूल्यवान रणनीतिक भागीदारों में से एक है’
क्वात्रा ने बताया, ‘ हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारे दृष्टिकोण काफी मिलते हुए है और अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर हमारे देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग है.’
किशिदा के कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, अमेरिकी उपराष्ट्रपति हैरिस के साथ उनकी बैठक ‘जापान-अमेरिकी गठबंधन को और मजबूत करने और ‘मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक’ की दिशा में जापान-अमेरिका सहयोग को मजबूत करने के हमारे दृढ़ संकल्प को फिर से दोहराने का एक अवसर था.
किशिदा के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने चीन, उत्तर कोरिया और यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रमण सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया.
बयान में आगे कहा गया है, ‘इसके अलावा, दोनों पक्षों ने जापान और अमेरिका के बीच घनिष्ठ समन्वय जारी रखने, जापान-यू.एस. गठबंधन की प्रतिरोधक क्षमता और प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत करने, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में निरंतर तरीके से संलग्न होने और मध्य-भूमि तक पहुंचने पर सहमति व्यक्त की. ताकि क्षेत्र में बल द्वारा यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयासों की अनुमति न दी जा सके.’
पीएम मोदी 20 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों सहित 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों के साथ आबे शिंजो के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए टोक्यो में हैं.
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