सेंट एंड्रयूज (स्कॉटलैंड), 26 अक्टूबर (द कन्वरसेशन) महिलाओं के खिलाफ भेदभाव और उनका दमन एक वैश्विक समस्या है। तानाशाही शासन वाले राष्ट्रों में यह शासन के अस्तित्व के साथ भी जुड़ा है। ईरान में हाल की घटनाओं को देखें जहां हिजाब पर सख्त कानून के खिलाफ महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं और देश की सत्तारूढ़ ताकतों को चुनौती दे रही हैं। करीब 3,000 मील दूर चीन में एक अलग तरह की नारीवादी बहस छिड़ी है कि क्या हाई-स्पीड ट्रेनों में सैनिटरी पैड बेचा जाना चाहिए या नहीं।
16 सितंबर 2022 को चीनी सोशल मीडिया साइट वीबो पर यह बहस छिड़ी। एक महिला ने देश के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क में यात्रा के दौरान मासिक धर्म संबंधी उत्पाद नहीं खरीद पाने के कारण अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था, ‘‘मैं नहीं चाहती कि अन्य महिलाएं भी शर्मिंदगी महसूस करें। इसलिए मैं इस उम्मीद में यह मुद्दा उठा रही हूं कि इसका समाधान किया जाएगा।’’
चाइना रेलवे ने इसके जवाब में कहा कि महिलाओं का पैड एक निजी सामग्री है जिसके लिए महिलाओं को पहले से तैयारी करनी होती है। सोशल मीडिया पर जारी बहस में शामिल कुछ लोगों ने इस बात पर सहमति जताई कि ट्रेनों में सैनिटरी पैड बेचना ‘‘अनुचित और गंदा’’ काम होगा। एक व्यक्ति ने लिखा, ‘ट्रेनों में सिर्फ भोजन दिया जाता है। क्या आप चाहेंगे कि खाने के साथ सैनिटरी पैड भी बेचा जाए?’’ एक व्यक्ति ने पूछा कि महिलाएं इसे अपने साथ क्यों नहीं रख सकती? निश्चित रूप से यह सवाल पुरुषों के बीच मासिक धर्म को लेकर अनभिज्ञता को दर्शाता है।
चीन की पारंपरिक संस्कृति में मासिक धर्म को लेकर वर्जनाएं हैं जिसे दुर्भाग्य और अशुद्धता से जोड़ा जाता है। मासिक धर्म के दौरान महिलाओं का सार्वजनिक स्थानों जैसे कि मंदिरों, समारोहों या पुश्तैनी सभागार में जाना वर्जित होता है। यहां तक कि आज भी कुछ ग्रामीण इलाकों में मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को मृतकों का सम्मान करने की अनुमति नहीं है।
इसके खिलाफ उठती आवाजों को दबा दिया जाता है। स्थिति यह है कि इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर न तो चर्चा होती है और न ही इसकी अनुमति दी जाती है।
नारीवाद और ‘छद्म’ नारीवाद
चीन में 2000 के बाद उपभोक्ता संस्कृति और इंटरनेट के विकास से पश्चिम के नारीवादी विचारों से प्रेरणा मिली है। ऐसे माहौल में महिला डिजिटल इन्फ्लुएंसर अक्सर सोशल मीडिया पर फॉलोअर को आकर्षित करने के लिए नारीवादी आदर्शों का उपयोग करती हैं।
कुछ लोगों की दलील है कि महिलाओं को पहले से ही अपने पास सैनिटरी पैड तैयार रखना चाहिए, न कि अपनी जैविक संवेदनशीलता का इस्तेमाल कंपनियों पर विशेष तौर पर उनके लिए उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए जोर देने पर करना चाहिए।
तीन अक्टूबर 2022 को एक सोशल मीडिया यूजर ने पोस्ट किया कि एक हाई-स्पीड ट्रेन में सैनिटरी पैड बेचे जा रहे थे जिसका उसने लाभ उठाया। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि नीति में कोई बदलाव हुआ है या रेलवे ने अपनी तरफ से एक सकारात्मक निर्णय लिया है।
हालांकि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, यूजर की चर्चा और प्रतिक्रियाओं से यही पता चलता है कि लिंग समानता और मासिक धर्म को लेकर बदलती धारणा को चीन में लंबा रास्ता तय करना है।
द कन्वरसेशन सुरभि मनीषा
मनीषा
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