13 अक्टूबर 1935 को बाबा साहब डॉ आंबेडकर ने हिंदू धर्म छोड़ने का एलान किया था। येवला सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा था ‘दुर्भाग्य से मैं हिंदू के रूप में पैदा हुआ, इस पर मेरा कोई ज़ोर नहीं है लेकिन मैं हिंदू के रूप में हरगिज़ नहीं मरूंगा’
इतिहास : 13 अक्टूबर 1935 को बाबा साहब ने येवला सम्मेलन में हिंदू धर्म छोड़ने का एलान किया था। उन्होंने कहा था ‘मैं हिंदू के रूप में पैदा जरूर हुआ हूं लेकिन हिंदू के रूप में हरगिज नहीं मरूंगा’, 14 अक्टूबर 1956 को उन्होंने बौद्ध धम्म अपना लिया था।
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इस एलान के बाद बाबा साहब डॉ आंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धम्म अपना लिया था। बाबा साहब ने कहा था ‘मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो समानता और भाईचारा सिखाता हो’
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