ज्यादातर पुरुष और महिलाएं कम उम्र से ही हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लेकर ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम कर सकते हैं. बैलेंस्ड डाइट में फल, पत्तेदार सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हैं.
बढ़ रहे हैं हड्डियों में दर्द की
बीमारी के मामले
बचपन से लेकर वयस्क होने तक जीवन के हर एक पड़ाव में हड्डियों की मजबूती के लिए बैलेंस्ड डाइट (संतुलित आहार) की जरूरत होती है. लोगों में उम्र के साथ और महिलाओं में रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के दौरान हड्डियों की डेंसिटी (घनत्व) कम हो जाती है. खराब डाइट और पर्याप्त हेल्दी न्यूट्रीएंट्स न लेने से हमारी हड्डियां जल्दी खराब हो जाती हैं. इसी तरह ज्यादा वजन या मोटापा भी हमारी हड्डियों को प्रभावित करता है और खराब जीवन शैली से हमारे जोड़ों पर दबाव पड़ सकता है जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है. हड्डियों की डेंसिटी और मास (द्रव्यमान) में कमी से ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है. हड्डियां कमजोर होने से फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है.
ज्यादातर पुरुष और महिलाएं कम उम्र से ही हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लेकर ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम कर सकते हैं. बैलेंस्ड डाइट में फल, पत्तेदार सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हैं. वहीं, कुछ खाद्य पदार्थ हमारी हड्डियों पर खराब असर डाल सकते हैं. यहां हम बताएंगे कि कम उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस होने से रोकने के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं.
सोडा और कैफीन युक्त पेय पदार्थों से बचें
बहुत अधिक कैफीन का सेवन हमारे शरीर से कैल्शियम का उत्सर्जन (Excretion) बढ़ा सकता है. तो अब सवाल यह उठता है कि हम एक दिन में कितने कप कॉफी पी सकते हैं? फूड एंड केमिकल टॉक्सिकोलॉजी, 2017 में पब्लिश एक रिव्यू के मुताबिक जब तक आप हर दिन 400 मिलीग्राम कैफीन या लगभग 4 कप कॉफी से ज्यादा नहीं लेते हैं, तब तक हड्डियों को ज्यादा खतरा नहीं है.
इसी तरह कुछ स्टडी में पाया गया है कि जो लोग ज्यादा सोडा पीते हैं उनमें हड्डियों का खनिज घनत्व (mineral density) कम होता है, लेकिन यह प्रभाव केवल कोला तक सीमित लगता है जिसमें कैफीन और फॉस्फोरिक एसिड दोनों होते हैं.
ज्यादा नमक और नमकीन खाद्य पदार्थों से बचें
नमक के ज्यादा सेवन से आपकी यूरीन से कैल्शियम का उत्सर्जन हो सकता है जो आगे चलकर हड्डियों के नुकसान का कारण बनता है. प्रोसेस्ड फूड, बेकरी प्रोडक्ट, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ खाने से बचें क्योंकि इनमें नमक की मात्रा ज्यादा होती हैं.
यह जांचने के लिए कि क्या खाने में सोडियम है, न्यूट्रीशन का लेबल देखें. यदि उसमें 20 प्रतिशत या उससे ज्यादा सोडियम का उल्लेख हो तो साफ है कि इसकी मात्रा ज्यादा है. प्रति दिन कम से कम 2,300 मिलीग्राम सोडियम का सेवन करना चाहिए. इसलिए न्यूट्रीशन लेबल देखें और उन खाद्य पदार्थों से बचें जिसमें नमक की दैनिक मात्रा का 20 प्रतिशत या उससे ज्यादा होता है.
अतिरिक्त चीनी वाले खाद्य पदार्थों से बचें
ज्यादा चीनी का सेवन भी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. बहुत अधिक चीनी के कारण इंसान की यूरीन से कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम का उत्सर्जन हो सकता है. चीनी विटामिन डी के लेवल और हड्डियों के निर्माण को कम कर कैल्शियम के अवशोषण को भी कम कर सकती है. भोजन, चीनी वाले पेय, मिठाई और मीठे स्नैक्स साथ ही प्रोसेस्ड फूड में अतिरिक्त चीनी मिलाने से बचें.
हाई ऑक्सलेट और फाइटेट्स वाले खाद्य पदार्थ
ऑक्सलेट्स और फाइटेट्स कुछ खाद्य पदार्थों में मौजूद ऐसे कम्पाउंड हैं जो कैल्शियम जैसे आवश्यक खनिजों के अवशोषण को कम कर सकते हैं. जिन खाद्य पदार्थों में ऑक्सलेट होते हैं उनमें पालक और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियां, कुछ बीन्स और चाय शामिल हैं. राजमा, दाल, साबुत अनाज और कुछ नट्स सहित बीन्स में फाइटेट्स की मात्रा ज्यादा होती है.
शराब (Alcohol)
शराब का पूरे शरीर और हड्डियों के स्वास्थ्य पर खराब प्रभाव पड़ सकता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थराइटिस एंड मस्कुलोस्केलेटल एंड स्किन डिजीज (NIAMSD) के मुताबिक अल्कोहल का सेवन भी शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी एब्जॉर्व करने की प्रक्रिया को बाधित करता है. इसके अलावा ज्यादा शराब पीने से हार्मोन में असंतुलन हो सकता है जो हड्डियों के निर्माण को कम करता है, जिससे इनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है.
इसमें कोई शक नहीं कि ज्यादा नमक, शराब, सोडा और कैफीन से बचने के सेहत से जुड़े और दूसरे कारण भी हैं. अपनी हड्डियों को लंबे समय तक मजबूत बनाए रखने के लिए अपनी डाइट पर कम उम्र से ही ध्यान देना जरूरी है.
(लेखक मुंबई के भायखला में मासीना हॉस्पिटल में क्लीनिकल डायटीशियन हैं)
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