— सीएसए कृषि विश्वविद्यालय एवं जापानी प्रतिनिधियों के मध्य हुई अहम बैठक
कानपुर, 20 जनवरी (हि.स.)। देश के प्रमुख कृषि विश्वविद्यालयों में से एक चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने जापान के साथ हस्ताक्षरित करार किया है। इसके तहत जापान की विभिन्न तकनीकों का प्रयोग फसलों पर किया जाएगा, ताकि फसलों का उत्पादन बढ़ सके। इसके लिए पहले विश्वविद्यालय के कार्य क्षेत्र अर्न्तगत एक हेक्टेयर पर तकनीकों को प्रदर्शित किया जाएगा, फिर जलवायु आदि का अध्ययन करके इसे आगे बढ़ाया जाएगा।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर में कृषि,वन एवं मत्स्य मंत्रालय टोक्यो जापान तथा उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन हस्ताक्षरित करार के अंतर्गत शुक्रवार को मॉडल परियोजना सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें जापानी प्रतिनिधिमंडल के साथ-साथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विजेंद्र सिंह, अधिष्ठाता, निदेशक एवं वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा प्रतिभा किया गया। जापानी प्रतिनिधि मंडल के तकासी योशिका काउंसलर जापान द्वारा बताया गया कि विश्वविद्यालय की कार्य क्षेत्र के अंतर्गत प्रथमतयः एक हेक्टेयर क्षेत्रफल पर विभिन्न जापानी कंपनियों द्वारा विकसित तकनीकों को प्रदर्शित किया जाएगा तथा तकनीकी का स्थानीय परिस्थिति के अनुरूप पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जब तकनीकी उत्तर प्रदेश की जलवायु एवं मिट्टी के अनुरूप सफल हो जाएगी तब उसे विश्वविद्यालय के चार हेक्टेयर प्रक्षेत्र पर विस्तारित किया जाएगा। इसके बाद में व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से किसानों के खेतों तक भी पहुंचाया जाएगा।
साउथ एशिया जापान के निदेशक अबे इचिरो ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना होगा। जापान विकास कंपनी के सलाहकार डॉ सुशील यामामोटा ने बताया कि परियोजना के कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने के लिए एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा। जिसमें जापान तथा जापानी कंपनी के प्रतिनिधि गण विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक तथा उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे। जो कार्य योजना बनाने के साथ-साथ समय-समय पर भविष्य की रणनीति तय करते रहेंगे।
विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ खलील खान बताया कि कुलपति डॉ बृजेंद्र सिंह द्वारा बताया गया कि तकनीकी टिकाऊ होनी चाहिए, वातावरण को हानि न पहुंचाने वाली हो, कम खर्चीली तथा प्रति इकाई क्षेत्रफल पर अधिकतम शुद्ध लाभ दे सके ऐसी तकनीकी को प्रदर्शित किया जाए।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान अजय कुमार द्विवेदी, जापानी प्रतिनिधिमंडल के काटसुकी युसुके, होसाका शुन, विश्वविद्यालय के डॉ विजय कुमार यादव, डॉ सीएल मौर्य, डॉ पी के सिंह,डॉ श्वेता यादव आदि मौजूद रहें।
हिन्दुस्थान समाचार/महमूद
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