नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को नीति आयोग और परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा आयोजित Small Modular Reactors पर एक कार्यशाला में कहा कि भारत 300 मेगावाट तक बिजली उत्पादन की क्षमता वाले छोटे परमाणु रिएक्टर विकसित करने के लिए कदम उठा रहा है। इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि भारत में इस प्रौद्योगिकी के लिए निजी क्षेत्र और स्टार्ट-अप की भागीदारी की संभावना तलाशे जाने की जरूरत है।
परमाणु रिएक्टर विकसित करने के लिए भारत उठा रहा है कदम
उन्होंने कहा, ‘भारत 300 मेगावाट तक बिजली उत्पादन की क्षमता वाले छोटे परमाणु रिएक्टर विकसित करने के लिए कदम उठा रहा है। इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ना है।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रौद्योगिकी साझा करना और धन मुहैया होना, एमएसआर प्रौद्योगिकी की वाणिज्यिक उपलब्धता के लिए दो अहम जरूरतें हैं। मंत्री ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन घटाने और विशेष रूप से ऊर्जा की भरोसेमंद और निरंतर आपूर्ति के लिए SMR एक उपयोगी प्रौद्योगिकी है।
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पीएम के जलवायु प्रतिबद्धताओं के अनुरूप
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में स्वच्छ ऊर्जा के नए विकल्पों की खोज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साहसिक जलवायु प्रतिबद्धताओं और स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के रोडमैप के अनुरूप है, जो राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदानों में परिलक्षित होता है। मालूम हो कि एसएमआर औद्योगिक डी-कार्बोनाइजेशन (De-Carbonization) में एक आशाजनक तकनीक है, विशेष रूप से जहां बिजली की विश्वसनीय और निरंतर आपूर्ति की आवश्यकता होती है।
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Edited By: Sonu Gupta
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