सवाई माधोपुर41 मिनट पहले
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सवाई माधोपुर। जिला अस्पताल में मनोरोग चिकित्सक के कक्ष में मरीज।
बदलती जीवन शैली व संयुक्त परिवारों में बिखराव, बेरोजगारी एवं मंदी की मार झेलने के बाद जिले में मानसिक अवसाद के मामले दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं। जिला अस्पताल से मिले आंकडों के अनुसार पिछले चार साल के दौरान मनोरोगियों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है। अवसाद से पीड़ित लोग लगातार परामर्श और इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। कुछ साल पहले तक जिला अस्पताल में मनोरोगियों के आउटडोर में गिने-चुने लोग नजर आते थे, लेकिन अब यहां मनाेरोग चिकित्सक के कक्ष से लेकर बाहर तक भीड़ लगी रहती है।
जिला अस्पताल के अनुसार वर्ष 2018 में कुल 4 हजार मनोरोगी इलाज के लिए आए। इनमें 3 हजार 800 केस मानसिक अवसाद और 200 केस नशे से संबंधित थे। इसी प्रकार वर्ष 2019 में यह संख्या बढ़कर 7 हजार 500 हो गई। इनमें 7 हजार 100 मानिसक रोगी व 400 केस नशे के थे। वर्ष 2020 में कुल 9 हजार 500 केस आए। इनमें 8 हजार 700 केस मानसिक तनाव व 800 केस नशे के, वर्ष 2021 में मनोरोगियों का आंकडा 10 हजार 900 पर पहुंच गया। इनमें 10 हजार केस मानसिक तनाव व 900 केस नशे के थे। वहीं 2022 में मार्च से अक्टूबर तक 7 माह में 7 हजार 500 केस आ चुके है।
मानसिक तनाव और शराब से संबंधित मामले ज्यादा
डाॅक्टराें के अनुसार दो-तीन साल से मानसिक रोगियों के काफी मामले आए। हालांकि सबसे ज्यादा मानसिक अवसाद व शराब से संबंधित केस आते हैं। काउंसलिंग के साथ दवा देकर उपचार किया जा रहा है। वर्तमान जीवन शैली कुछ ऐसी है कि लोग मानसिक अवसाद से घिरे रहते हैं। मानसिक तनाव बढ़ने की सबसे बड़ी वजह लाइफ स्टाइल में बदलाव, टूटते परिवार, एकाकीपन, सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव, समय के अनुसार खुद को नहीं ढालना प्रमुख है।
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