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- Increased Income From Business Related To Livelihood, Sunita Devi Is From Kaithbigha Of Khijrasarai Block, Earlier It Was Difficult To Run The House Due To Lack Of Work
बोधगया4 घंटे पहले
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नर्सरी में सुनीता देवी।
- आइसक्रीम व पौधा नर्सरी शुरू कर अब बदल डाली परिवार की दशा
जीविका समूह में जुड़ने के पहले मैं एक सामान्य गृहिणी का काम करते हुए अपने परिवार के साथ रह रही थी। पैसे और जानकारी का अभाव था। परिवार की आर्थिक तंगी रहती थी। बच्चों की पढाई एवं परिवार के अन्य जरूरी खर्च के लिए भी पर्याप्त संसाधन जुटाना कठिन था। पति के पास के पास कोई काम नहीं था। परिवार की आमदनी इतनी नहीं थी, जिससे परिवार ठीक से चल सके। इस बीच 2013 में जीविका समूह से 5000 का लोन मिला। इससे बीज दुकान खोली, पर दुकान ठीक से नहीं चली।
यह कहना है खिजरसराय प्रखंड के कैथबिगहा गांव की 33 वर्षीय सुनीता देवी (सुनीता कुमारी) की। उसने बताया 2015 में जब संकुल संघ मास्टर बुक कीपर की जरूरत थी, तो पति चिंटू कुमार ने आवेदन दिया। पति ग्रेजुएट थे, चयन हो गया, तब से वह इस पद पर कार्यरत हैं। सुनीता देवी बताती हैं कि जीविका से जुड़ने के बाद उसका जीवन बदल गया। वह वर्तमान में खिजरसराय में आइसक्रीम व्यव्यसाय एवं दीदी की नर्सरी का संचालन कर रही हैं।
आइसक्रीम व्यवसाय से कई को रोजगार
2007 में विवाह के पश्चात से वह पति पति चिंटू कुमार के साथ कैथबिगहा में रह रही हैं। पांच सदस्यों के परिवार में उसके 3 बच्चे हैं। पति चिंटू कुमार प्रगति जीविका महिला संकुल स्तरीय संघ में मास्टर बुक कीपर के पद पर कार्य कर रहा है। सुनीता देवी 2013 में दुर्गा जीविका महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं।
उसने कहा, जीविका में उसेे बचत के महत्व का पता लगा। बचत की तो ऋण मिला। जीविका से 5000, 20000, 50000 हजार रुपए का कई बार ऋण लिया। दोनों ने मिलकर आइसक्रीम व्यवसाय आरंभ किया। उसे दोनों व्यवसायों से अच्छी आमदनी हो रही है। आइसक्रीम व्यवसाय में उन्होंने कई अन्य लोगों को भी रोजगार का अवसर दिया है।
वार्षिक आय पांच लाख
दोनों ही व्यवसायों से अच्छी आमदनी हो रही है। दोनों व्यवसाय से औसत वार्षिक पारिवारिक आय चार से पांच लाख रुपए के करीब हो गई है। वह इसका श्रेय जीविका को देती हैं। सुनीता देवी, कैथबिगहा
गांव, खिजरसराय
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