बिलासपुर31 मिनट पहलेलेखक: संजय मिश्रा
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लाइसेंस लेकर भी कोल डिपो में डंपिंग का कारोबार सकरी बाइपास से पेंड्रीडीह के बीच बेखौफ चल रहा है।
लाइसेंस लेकर भी कोल डिपो में डंपिंग का कारोबार सकरी बाइपास से पेंड्रीडीह के बीच बेखौफ चल रहा है। कभी इसके लिए बिलासपुर-रतनपुर मार्ग जाना जाता था। अवैध डंपिंग करने वालों ने अब जगह तो बदल ली, लेकिन तरीका अभी भी नहीं बदला। खनिज विभाग के अफसर कार्रवाई करने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन कुछ भी उजागर करने से बच रहे हैं। खनिज विभाग के अफसरों के अनुसार अवैध रूप से डंपिंग के मामले में 41 को नोटिस जारी किया गया है, पर अफसर किसी का नाम नहीं बता रहे हैं। ऐसे में इस खेल में खनिज विभाग के अफसरों की मिलीभगत की आशंका है।
सकरी बाइपास से करीब 4 किलोमीटर दूर जाने पर ही तिवारीपारा मोहल्ला खैराडीह में कोल डिपो है, जो आबादी के बीच ही मौजूद है। यहां से कुछ दूर पर ही बेलमुंडी-कोपरा मार्ग पर 5 कोल डिपो है। यहां भी कोल डिपो के बाहर दीवारों पर लाइसेंस, भंडारण क्षमता आदि दर्ज है। यहां से मुख्य मार्ग छोड़ने पर कच्चा रास्ता ग्रामीण इलाकों में गया है, जहां पांच कोल डिपो हैं। इस तरह सकरी बाइपास से पेंड्रीडीह के बीच 15 किलोमीटर के दायरे में 15 डिपो हैं। कुछ डिपो में तो कोल संचालकों ने जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की है। सारा खेल स्टोरेज का है, जो अफसरों की मिलभगत से हाे रहा है। खनिज अफसर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं।
जहां खेत, वहीं डंपिंग स्पॉट
जानकारी दुरुस्त, पर अवैध डंपिंग नहीं छिपती
कोल डिपो संचालकों ने डिपो के बाहर जानकारी दुरुस्त रखी है, लेकिन डिपो में अवैध भंडारण सामने से नजर आ रहा है। बेलमुंडी कोपरा मार्ग में एक ही जगह पर तीन डिपो खड़ी फसलों के बीच है। कोयले का पहाड़ फसलों के बीच खड़ा ही है जो भंडारण क्षमता के अनुपात में कहीं अधिक है। सिर्फ अवैध भंडारण ही नहीं कोयला चूरा के साथ बजरी और गिट्टी मिलाने से तीन गुना मुनाफा अवैध कारोबार करने वालों को हो रहा है।
यह है नियम : कोल डिपो या कोल वाशरी आबादी से दूर होना चाहिए, किसी भी पुरातात्विक स्थल, प्राकृतिक जल स्त्रोत या कृषि भूमि के पास नहीं होना चाहिए। शैक्षणिक संस्थान के पास नहीं होना चाहिए। ग्राम सभा से अनुमोदन के बाद ही डिपो या कोलवाशरी खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
सड़कों का हाल ऐसा कि कई ट्रक गिट्टी समा जाए
जिन मार्गों से अवैध कोयला डंपिंग किया जा रहा है, उन सड़कों पर धूल की मोटी परतें कई गुना जम चुकी है और इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं कि कई ट्रक गिट्टी उसमें समा सकती है। बेलमुंडी से कोपरा जाने वाले मार्ग पर गांव वालों की मजबूरी है कि वे कोल डिपो के इन खराब रास्तों से गुजरते हैं।
सीधी बात : अनिल साहू, सहायक खनिज अधिकारी खनिज विभाग, बिलासपुर
नोटिस दी है, लेकिन गोपनीय है , नहीं बताएंगे
जिले में कितने कोल डिपो हैं?
– जिले में 93 कोल डिपो हैं।
अवैध भंडारण पर बड़ा खेल हो रहा है,विभाग कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा?
– कार्रवाई चल रही है।
अब तक क्या कार्रवाई किए गए हैं?
– हमने 41 को नोटिस जारी किया है।
जिन्हें नोटिस जारी की है उनकी सूची दिला सकते हैं?
– सूची गोपनीय है इसलिए नहीं बता सकते, जब जुर्माना करेंगे तब पीआरओ के जरिए सूची उपलब्ध कराई जाएगी।
किसी भी वाशरी के पास ग्राम सभा का अनुमोदन नहीं
जिले के किसी भी डिपो या कोलवाशरी संचालक के पास ग्राम सभा का अनुमोदन नहीं है। यहां संचालित सभी डिपो या कोलवाशरी अवैध है। यह सिर्फ इसलिए चल रहे है क्योंकि ग्राम सभा से ऐसी कोई शिकायत जिला प्रशासन को नहीं हो रही है। – राधेश्याम शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता
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