जयपुर22 मिनट पहलेलेखक: संजीव शर्मा
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पुलिस ने सभी दोषियों को लाइन से पेश किया। तत्कालीन डीएसपी सबसे आगे। सजा सुनाए जाने के बाद सभी दोषियों काे कस्टडी में लिया गया।
जज ने फैसले में लिखा- डीएसपी के पास जाब्ता था, फिर भी ड्यूटी नहीं निभाई
फूल मोहम्मद हत्याकांड को लेकर दिए विशेष काेर्ट की जज पल्लवी शर्मा ने अपने फैसले में माना है कि महेन्द्र सिंह ने ही भीड़ को फूल मोहम्मद की हत्या करने के लिए उकसाया था। डीएसपी के पास पूरे जाब्ते की कमान थी, लेकिन उसने फूल मोहम्मद से पेशेवर विवादों के कारण अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया और उपस्थित जन समूह को अपराध करने के लिए दुष्प्रेरित किया।
कोर्ट ने लिखा– अभियुक्त महेन्द्र सिंह ने कहा है कि वह पुलिस महकमे में वरिष्ठ पद पर है, लेकिन इससे उसके अपराध की गंभीरता कम नहीं हो जाती। यदि ऐसे केस में नरमी अपनाई गई तो इससे ऐसे लोेक सेवक जिनकी ड्यूटी कानून-व्यवस्था संभालने के लिए लगाई जाती है, वे हतोत्साहित होंगे। यह मामला गंभीर अपराध का है, जिसमें एक सीनियर पुलिस अधिकारी को जिंदा जलाकर मारा गया है। यह हत्याकांड 17 मार्च 2011 को हुआ था। शेष | पेज 6
क्या था मामला: महिला के हत्यारों की गिरफ्तारी के दौरान उपद्रव में हुई थी फूल मोहम्मद की जान
सवाई माधोपुर के मानटाउन थाना क्षेत्र के सूरवाल में 17 मार्च 2011 को लोग दाखा देवी के हत्यारों को गिरफ्तार करने और पीड़ित के परिजनों को मुआवजे की मांग कर रहे थे। इसी दौरान राजेश मीणा व बनवारी लाल मीना पेट्रोल की बोतलें लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए। आत्महत्या की धमकी देने लगे। बनवारी को लोगों ने समझाइश कर नीचे उतार लिया, लेकिन राजेश पेट्रोल से खुद को आग लगाकर टंकी से नीचे कूद गया।
घटना से गुस्साए लोगों ने सुरक्षा की दृष्टि से सूरवाल गांव में तैनात एसएचओ फूल मोहम्मद व पुलिस जवानों पर पथराव कर दिया। जान बचाने के प्रयास में फूल मोहम्मद जीप चलाकर भागने लगे तो भीड़ ने पथराव किया। जीप में मौजूद पुलिसकर्मी जैसे-जैसे वहां से भाग गए। पत्थर लगने से फूल मोहम्मद जीप में घायल हो गए। बाद में भीड़ ने जीप को पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।
फूल मोहम्मद हत्याकांड प्रकरण में विशिष्ट न्यायालय एससी/एसटी अत्याचार प्रकरण न्यायाधीश ने तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेन्द्र कालबेलिया सहित तीस लोगों को आजीवन कारावास सहित विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई है। – श्री दास सिंह, अधिवक्ता सीबीआई, प्रतिनिधि सवाई माधोपुर
भीड़ का कृत्य लोकतंत्र पर तमाचा
आक्रोशित जन समूह ने जो कृत्य किया है, वह लोकतंत्र की आत्मा को झकझोर देने वाला है और सभ्य समाज के मुंह पर तमाचा है। इस अपराध के लिए वे अपने खुद के उत्तरदायित्व से बच नहीं सकते। यदि ऐसे केस में नरमी अपनाई गई तो इससे ऐसे लोेक सेवक जिनकी ड्यूटी कानून-व्यवस्था संभालने के लिए लगाई जाती है, वे हतोत्साहित होंगे। -जैसा एससी-एसटी मामलों की विशेष काेर्ट की जज पल्लवी शर्मा ने फैसले में लिखा।
इधर, फूल मोहम्मद के बेटे ने कहा- कानून पर विश्वास, इंसाफ मिला
फूल माेहम्मद के बेटे सुहेल खान अभी राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर है। फैसले के बाद उन्होंने कहा कि हमें कानून पर विश्वास है। न्याय में देरी हाे सकती है, लेकिन अंधेर नहीं। न्यायपालिका ने आज मेरे परिवार के साथ इंसाफ किया। मैं राज्य सरकार, सीबीआई और न्यायपालिका का धन्यवाद देता हूं। काेर्ट के निर्णय का सम्मान करता हूं।
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