नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग पर तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ (NMFT) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद नि:संदेह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है। लेकिन आतंकवाद का वित्त पोषण, आतंकवाद से कहीं ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि आतंकवाद के Method को इसी फंड से पोषित किया जाता है। भारत, आतंकवाद के सभी रूपों और प्रकारों की घोर निंदा करता है।
अमित शाह ने कहा कि हमारा मानना है कि निर्दोष लोगों की जान लेने जैसे कृत्य को उचित ठहराने का कोई भी कारण स्वीकार नहीं किया जा सकता। भारत कई दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है। भारतीय सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को निरंतर सीमा पार से प्रायोजित गंभीर आतंकी हिंसा की घटनाओं से जूझना पड़ा है।
अमित शाह ने कहा कि इंटरनेशनल कम्युनिटी का एक कलेक्टिव अप्रोच है कि आतंक के सभी रूपों की निंदा की जानी चाहिए। लेकिन तकनीकी क्रांति से आतंकवाद के रूप और प्रकार निरंतर बदल रहे हैं, ये हमारे लिए चुनौती है। दुर्भाग्य से कुछ देश ऐसे भी हैं, जो आतंकवाद से लड़ने के लिए हमारे सामूहिक प्रयास को कमजोर और नष्ट करना चाहते हैं। कुछ देश आतंकवादियों का बचाव करते हैं और उन्हें पनाह भी देते हैं।
अमित शाह ने कहा कि आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है। ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व और ऐसे देश, अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें। अगस्त 2021 के बाद दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिति में बहुत परिवर्तन आया है। सत्ता परिवर्तन तथा अल कायदा, ISIS का बढ़ता प्रभाव क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्तवपूर्ण चुनौती के रूप में उभरा है। नए समीकरणों ने टेरर फंडिंग की समस्या को और गंभीर बनाया है।
अमित शाह ने कहा कि आतंकवादी लगातार हिंसा को अंजाम देने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के नए तरीके खोज रहे हैं। आतंकवादी अपनी पहचान छुपाने और कट्टरपंथी सामग्री को फैलाने के लिए डार्क नेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों का बचाव करते हैं और उन्हें पनाह भी देते हैं। आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है। ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व और ऐसे देश अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें।
अमित शाह ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी जैसी वर्चुअल संपत्ति का उपयोग भी बढ़ रहा है। हमें डार्क नेट पर चलने वाली इन गतिविधियों के पैटर्न का विश्लेषण करके समझना होगा, उनके उपाय खोजने होंगे। कुछ देश ऐसे हैं जो आतंकवाद से लड़के के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर करना चाहते हैं।
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