जागरण संवाददाता, काशीपुर : anti conversion law Uttarakhand : उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट बैठक में धर्मांतरण रोधी कानून के तहत जबरन धर्मांतरण के दोषी के लिए सजा के प्रावधान को 10 साल किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने का विरोध शुरू हो गया है। काशीपुर के बौद्ध धर्म के अनुयायियों ने इस कानून को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
काशीपुर के रामनगर रोड स्थित ग्राम भोगपुर, प्रतापपुर स्थित डॉ. अंबेडकर पार्क में कुछ दिन पहले 300 लोगों के हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म के दीक्षा लेकर बौद्ध धर्म अपना लिया था। धर्मांतरण धम्म देशना और धम्म दीक्षा समारोह के आयोजन किया गया गया था। इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर-प्रदेश सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दू प्रसाद ने शिरकत की थी। बौद्ध धर्म ग्रहण वालों ने 22 प्रतिज्ञाएं लेकर भगवान गौतम बुद्ध के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया था।
धामी सरकार द्वारा धर्मांतरण रोधी कानून के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद काशीपुर में गुरुवार को बौद्ध धर्म के अनुयायीयों ने एक बैठक कर इस कानून को न्यायालय में चुनौती देने की बात कही। डॉ. अंबेडकर पार्क जन कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष चंद्रहास गौतम (Chandrahas Gautam) ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार सत्ता के नशे में चूर हो गई है। सरकार भारतीय संविधान का सीधा-सीधा उलंघन कर रही है। हम कानून पर अधिवक्ताओं से विचार-विमर्श करके उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
कानून के विरोध में करेंगे आंदोलन
चंद्रहास गौतम ने कहा कि इसके इसके साथ ही जन आंदोलन चलाकर इस कानून को खारिज कराने का काम करेंगे। धर्मांतर रोधी कानून के जरिए एससी, एसटी के जो लोग घर वापसी कर रहे हैं, सरकार उन्हें डराने का काम कर रही है। सरकार के नियत में खोट जाहिर होता है, इसके किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह समाज सरकार की तानाशाही कतई नहीं चलने देगा और मुखर विरोध किया जाएगा।
किसी एक को जेल में डालेंगे तो हम जेल भर देंगे
काशीपुर निवासी अधिवक्ता राजेश कुमार गौतम ने कहा कि सरकार यदि किसी एक को जबरन जेल में डालेगी तो सैकड़ों अपनी इच्छा से जेल पहुंच जाएंगे। अब हम समाज में आडंबरों पर हम विश्वास नहीं करेंगे। बौद्ध धर्म भारत का धर्म है, हम सब अभी तक भूले भटके थे और अब घर वापसी कर रहे हैं तो दिक्कत क्यों है। जब हमें रोटी सब्जी खानी है तो क्या जबरजस्ती मुझे बिरयानी, मछली और अंडा खिलाया जाएगा?
स्वेच्छा से धर्मांतरण करने वालों पर कार्रवाई क्यों
काशीपुर निवासी कपिल ने कहा कि जबरन धर्मांतरण कराने वालों पर 10 की बजाय 20 साल की सजा का प्रावधान किया जाए, हमे कोई दिक्कत नहीं, लेकिन जो लोग शपथ पत्र देकर अपनी इच्छा से बौद्ध धर्म अपनाते हैं, तो उस पर सरकार क्यों हस्ताक्षेप करे। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।
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Edited By: Skand Shukla
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