मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक ईसाई संगठन के 10 सदस्यों के खिलाफ कथित तौर पर बच्चों का धर्म परिवर्तन कराने समेत अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया है.
दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक ईसाई संगठन के 10 सदस्यों के खिलाफ कथित तौर पर बच्चों का धर्म परिवर्तन कराने समेत अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया है. एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर संगठन से जुड़े 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. ईसाइयों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधीक्षक डीआर तेनिवार से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा जिसमें कहा गया कि धर्मशास्त्री डॉ. अजय लाल का नाम जानबूझकर प्राथमिकी में शामिल किया गया और इसे रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने पिछले साल मिड इंडिया क्रिश्चियन सर्विसेज से इस्तीफा दे दिया था. एसपी तेनिवार ने बातचीत में कहा कि प्राथमिकी दर्ज की गई है और मामले की जांच की जाएगी.
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ईसाई संगठन के परिसर का निरीक्षण किया था और आरोप लगाया था कि यह धर्म परिवर्तन में शामिल है. उन्होंने दावा किया कि बच्चों को मध्य प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत निषिद्ध ईसाई धर्म की प्रथाएं सिखाई जा रही थीं.
निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कानूनगो ने आरोप लगाया कि आदिवासी बहुल डिंडोरी जिले के 17 वर्षीय एक लड़के को दमोह लाकर यहां पादरी बनने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था. एनसीपीसीआर प्रमुख ने आगे दावा किया कि संगठन द्वारा संचालित चाइल्ड केयर सेंटर पंजीकृत नहीं है. पुलिस ने कहा कि एनसीपीसीआर की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता, मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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