आमिर खान के नाम को सुनकर आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है? निस्संदेह उनकी फिल्मों के बारे में विचार तो बिल्कुल भी नहीं आते होंगे क्योंकि ये महाशय तो अपनी फिल्मों से ज्यादा अपनी घटिया कारनामों के कारण चर्चा में बने रहते हैं। सनातन धर्म के प्रति कुंठा और हिंदुओं का अपमान, इनके रग-रग में बसा हुआ है। इसी बीच उनके द्वारा किया गया एक विज्ञापन सोशल मीडिया पर जोर शोर से वायरल हो रहा है, जिसे लेकर जमकर बवाल मचा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि लगातार दो महा डिजास्टर देने के बाद भी आमिर खान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और सनातन धर्म के ‘स्वघोषिक रक्षक’ बनने पर तुले हुए हैं।
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यहां समझिए पूरा मामला
दरअसल, आमिर खान ने एक वित्तीय संस्था के प्रोमोशन हेतु यह विज्ञापन कियारा आडवानी के साथ किया है। यह विज्ञापन एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के लिए है। इसमें आमिर (Aamir Khan) और कियारा आडवाणी (Kiara Advani) को नवविवाहितों के रूप में एक कार में अपनी शादी से घर जाते हुए दिखाया गया है। वे चर्चा करते हैं कि उनमें से कोई भी अपने घर से निकलने से पहले विदाई के दौरान नहीं रोया। तब यह पता चलता है कि सामान्य प्रथा से उल्टा, यह दूल्हा है, जो कियारा के बीमार पिता की देखभाल करने में उनकी मदद करने के लिए दुल्हन के घर गया है। दुल्हन के ऐसा करने की परंपरा के विपरीत, दूल्हा उसके नए घर में पहला कदम रखता है। आमिर फिर एक बैंक में दिखाई देते हैं और हिंदी में कहते हैं, “सदियों से चली आ रही परंपराएं क्यों चलती रहें? इसलिए हम हर बैंकिंग परंपरा पर सवाल उठाते हैं। ताकि आपको बेहतरीन सेवा मिले।”
A simple ‘aisa kyun’ can often be the small step needed for a giant leap of Badlaav. Ever since our inception, AU Bank has taken pride in challenging the status quo; because we believe that banking made easy, is banking done right. Isiliye, ab banking mein #BadlaavHumseHai. pic.twitter.com/gaRGalJt9e
— AU Small Finance Bank (@aubankindia) October 3, 2022
परंतु ये तो वो आमिर खान हैं, जिनसे खुद के स्क्रिप्ट्स नहीं संभाले जा रहे, समाज क्या खाक संभालेंगे? किसी ‘महापुरुष’ ने कहा था, “जब तक सूरज चांद रहेगा, अगले छह महीने तक OTT पर लाल सिंह चड्ढा का नाम नहीं रहेगा!” सारी हेकड़ी 5 अक्टूबर को ही निकल गई, जब नेटफ्लिक्स पर देर रात को अद्वैत चंदन द्वारा निर्देशित एवं आमिर खान स्टारर ‘लाल सिंह चड्ढा’ प्रदर्शित हुई। यह ‘फॉरेस्ट गम्प’ की आधिकारिक भारतीय रीमेक है, जिसमें आमिर खान टॉम हैंक्स वाली भूमिका को आत्मसात कर रहे है। फिल्म तो औंधे मुंह गिरी ही और अब स्थिति यह हो गई कि इसे गुपचुप तरह से बिना किसी शोर शराबे के नेटफ्लिक्स पर प्रदर्शित किया गया और यह नेटफ्लिक्स के मेन पेज पर भी दिखाई नहीं दे रही है।
हाल ही में फ्लॉप हुई है लाल सिंह चड्ढा
परंतु इतना क्या बुरा था इस फिल्म में? लाल सिंह चड्ढा के प्रदर्शित होने से पहले आमिर खान इस फिल्म के सक्सेस से इतने आशान्वित थे कि उन्होंने चौड़ में आकर कह दिया कि मेरी फिल्म छह महीने बाद ही OTT पर प्रदर्शित होगी। परंतु यहां तो सारा खेल ही उल्टा पड़ गया। आमिर खान अपनी इस फिल्म को OTT पर 150 करोड़ में बेचना चाहते थे। पहले तो नेटफ्लिक्स इसके लिए तैयार भी हो गया परंतु जब उसने लाल सिंह चड्ढा का बॉक्स ऑफिस पर हाल देखा तो वह सौदा रद्द करने की तैयारी में था। नेटफ्लिक्स की शर्त थी वह इसे 80 से 90 करोड़ में ही खरीदेगा। जब बात नहीं बनी तो आखिरकार आमिर खान ने नेटफ्लिक्स को यह फिल्म 90 करोड़ में ही बेचने को मजबूर होना पड़ा।
कुछ समय पूर्व आई रिपोर्ट्स के अनुसार नेटफ्लिक्स और लाल सिंह चड्ढा के मेकर्स के बीच यह बातचीत एडवांस लेवल तक पहुंच चुकी थी। दावा किया गया है कि आमिर खान अपनी इस फिल्म के डिजिटल राइट्स के लिए 150 करोड़ रुपये की बड़ी रकम मांग रहे थे। मोल-भाव का दौर जारी था और आमिर खान फिल्म को नेटफ्लिक्स पर रिलीज करने के लिए बहुत उत्साहित थे। ऐसा इसलिए कि यह एक ग्लोबल प्लेटफॉर्म है और साथ ही इसके 200 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। आमिर ने इसके लिए 150 करोड़ रुपये की मांग की थी। एक्टर को पूरी उम्मीद थी कि उनकी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बंपर कमाई करेगी।
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बिल्कुल ठीक समझे आप, गड़बड़ी तो थी और बहुत बड़ी। रिपोर्ट में आगे बताया गया, “आमिर जहां इन दो शर्तों पर सौदेबाजी कर रहे थे। वहीं, उनके दिमाग में चीन के बॉक्स ऑफिस पर कमाई भी थी। आमिर खान की फिल्में चीन में बहुत तगड़ा बिजनेस करती हैं और ‘थ्री इडियट्स’ से लेकर ‘दंगल’ और ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ की कमाई इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है।”
अब नेटफ्लिक्स ‘लाल सिंह चड्ढा’ के लिए 90 करोड़ रुपये तक की रकम देने के लिए तैयार था परंतु आमिर खान की लगाई कीमत नेटफ्लिक्स के हिसाब से बहुत अधिक थी। आमिर को उम्मीद थी कि फिल्म रिलीज होगी और बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई करेगी परंतु परिणाम क्या है यह सर्वविदित है। ये फिल्म तो इतने प्रपंच और इतने PR के बाद भी अपने मूल बजट का 70 प्रतिशत भी नहीं निकाल पाई। विदेशी कलेक्शन का ढिंढोरा पीटकर भी 180 करोड़ के मूल बजट के मुकाबले यह मात्र 133.5 करोड़ रुपये तक सिमट गई। सर्किट भाई की जुबानी कहे तो, ये तो शुरू होते ही खत्म हो गया!
इससे पहले भी कर चुके हैं ऐसा
परंतु, कथा यहीं समाप्त नहीं होती। आमिर खान तो मानो बेइज्जती के पर्याय ही बन गए हैं। इतना भयकंर फ्लॉप देने के बाद अब वो बैंक वाले विज्ञापन के साथ हिंदुओं का मजाक बनाने सामने आ गए हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आमिर खान सनातन समाज को रिफॉर्म करने का स्वघोषित ठेका ले चुके हैं, भले स्वयं की लंका लग जाए। लाल सिंह चड्ढा को अगर साइड करें तो इनकी सनातनी सेवा भी गजब है भैया, इतनी की सत्यमेव जयते नामक पूरा शो ही उसपर बना डाला और पैसा कमाया वो अलग। आज भी उसके अवशेष सिनेमा हॉल में हमारा पीछा नहीं छोड़ते। पीके में भी आपने इनके कारनामों को देखा ही है।
अगर आपको याद हो तो पिछले ही वर्ष आमिर खान CEAT टायर्स के विज्ञापन को लेकर विवादों के घेरे में आए थे। इस विज्ञापन में अप्रत्यक्ष तौर पर आमिर खान टी20 विश्व कप के लिए भारत को प्रोत्साहित करते हुए दिखाई दे रहे थे परंतु उनका निशाना तो कुछ और ही था। उस विज्ञापन के जरिए आमिर खान यह दिखाना चाहते थे कि सड़के केवल परिवहन के लिए उपयोग में लाई जानी चाहिए “पटाखे फोड़ने के लिए नहीं”। आदर्शवादी स्थिति में यह संदेश काफी गुणकारी और हितकारी प्रतीत होता है क्योंकि सड़कों पर अनावश्यक बवाल नहीं मचनी चाहिए। परंतु यदि संदेशवाहक और संदेश की मंशा ही सही नहीं हो तो उस संदेश पर कोई क्यों अमल करे?
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उस विज्ञापन में आमिर खान के संदेश देने की मंशा ही गलत थी क्योंकि अगले महीनें ही दिवाली का त्योहार मनाया जाने वाला था और दिवाली से ठीक पहले इस विज्ञापन के माध्यम से सभी धर्मों को छोड़ केवल सनातन संस्कृति को ही निशाना बनाया गया था और इसे लेकर सवाल भी उठे थे। इनके लिए मानों संसार में कुछ भी गलत होता है तो उसके लिए केवल और केवल सनातन समाज ही दोषी है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण के साथ-साथ भूमि प्रदूषण के लिए भी ऐसे लोग सनातन धर्म को ही दोषी बताते हैं, जो उनके मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है। यदि वामपंथियों का बस चले तो संसार में कोई व्यक्ति अनजाने में छींक भी दे तो उसके लिए भी ये सनातन धर्म को दोषी मानकर उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने लगेंगे।
परंतु ऐसे व्यक्तियों को इतनी स्वच्छंदता कैसे मिलती है? आखिर कैसे इन व्यक्तियों को अपना अनर्गल प्रलाप के लिए CEAT टायर्स जैसे मंच मिलते हैं? दरअसल, CEAT टायर्स RPG ग्रुप के अंतर्गत आता है, जिसका मालिक स्वयं एक हिन्दू है और वह कोई और नहीं “हर्ष गोएनका” हैं, जो शुरु से ही नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी रहे हैं। इन्हें स्वयं सनातन देवी-देवताओं के अपमान में विशेष आनंद मिलता है और जो भी इसका विरोध करता है, उसे वह तुरंत ट्विटर पर ब्लॉक कर देते हैं। जब ऐसा व्यक्ति CEAT टायर्स को संचालित कर रहा है, तो आप स्वयं ही विश्लेषण कर सकते हैं कि आमिर खान जैस विषैले लोगों को कहां से सनातन धर्म के खिलाफ जहर उगलने के लिए मंच प्राप्त होता है।ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि आमिर खान ने एक बार पुन: सनातन धर्म को रिफॉर्म करने का ठेका लेकर अपने शाश्वत पतन का खाका बुन लिया है। ठग्स ऑफ हिंदोस्तान और लाल सिंह चड्ढा के पश्चात इनके पास अवसर था कि वो वापसी करते परंतु इस बार भूलकर भी कोई उन्हें यह अवसर दोबारा नहीं देने वाला।
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