उन्होंने सोमवार को कहा कि वैश्विक ताप वृद्धि के लिए जिम्मेदार ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन चरम पर है और मौजूदा समय सबसे अधिक ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करने वाले अमीर विकसित देशों तथा इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव झेलने वाली उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच ‘‘क्वांटम स्तर के समझौते’’ का है।
गुतारेस ने नवंबर में मिस्र के शरम अल-शेख रिजॉर्ट में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के लिए तैयारियों के वास्ते कांगो की राजधानी किनशासा में सरकार के प्रतिनिधियों की एक बैठक में यह टिप्पणी की।
गौरतलब है कि दुनियाभर में इस वक्त जलवायु परिवर्तन के असर देखे जा रहे हैं। पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा बाढ़ग्रस्त हो गया था वहीं यूरोप में 500 वर्ष में सबसे अधिक गर्मी के बाद फिलीपीन, क्यूबा और अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य ने तूफान का दंश झेला है।
गुतारेस ने कहा कि दुनिया की 20 अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के तथाकथित जी-20 समूह द्वारा प्रतिबद्धताएं ‘‘बहुत कम और बहुत देर से’’ जतायी जा रही हैं।
उन्होंने आगाह किया कि मौजूदा संकल्पों तथा नीतियों से ‘‘वैश्विक ताप वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के हमारे प्रयास कम हो रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आज अपनी सुरक्षा तथा कल के अपने अस्तित्व के लिए जीवन या मरण के संघर्ष के दौर में हैं।’’
एपी गोला अविनाश
अविनाश
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