दुनिया की सबसे ‘खतरनाक’ जेल से आखिरी पाकिस्तानी स्वदेश लौटा
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने 74 साल के हो चुके सैफुल्लाह पारचा की रिहाई पर कहा कि उनके प्रत्यावर्तन की सुविधा के लिए व्यापक अंतर-एजेंसी प्रक्रिया के बाद उच्च सुरक्षा जेल से रिहा किया गया था। पाक मीडिया ने बताया कि वह 29 अक्टूबर 2022 को अपने देश पाकिस्तान पहुंच गया है। जानकारी के मुताबिक पाक विदेश मंत्रालय ने पाराचा के प्रत्यावर्तन की सुविधा के लिए एक व्यापक अंतर-एजेंसी प्रक्रिया पूरी की।
आखिरकार अपने बिछड़े परिवार से मिल गया
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का इस विषय पर कहना था कि, देश को इस बात की खुशी है कि एक पाकिस्तानी नागरिक विदेशी हिरासत से निकलकर आखिरकार अपने बिछड़े परिवार से मिल गया।
ग्वांतानामो क्यूबा में स्थिति एक अमेरिकी डिटेंशन कैंप
बता दें कि, ग्वांतानामो क्यूबा में स्थिति एक अमेरिकी डिटेंशन कैंप है, जिसे ग्वांतानामो जीचीएमओ भी कहा जाता है। 11 सितंबर 2001 का वह काला दिन जिसे दुनिया 9/11 के नाम से भी जानती है, अलकायदा के आतंकियों ने न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को अपना निशाना बनाया था। इस हमले में करीब 3 हजार लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले से न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया दहल गई थी।
आतंकियों के लिए क्यूबा में डिटेंशन कैंप
इस हमले के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने विदेशों में पकड़े गए आतंकियों के लिए क्यूबा में एक डिटेंशन कैंप खोला गया, जिसे दुनिया ग्वांतानामो बे के नाम से जानती है। यह डिटेंशन कैंप आतंकियों, अपराधियों के लिए नरक से कम नहीं है। लोगों को नरक में रहना मंजूर है लेकिन इस काल कोठरी से वे दूर भागने की कोशिश करते हैं। ग्वांतानामो बे आतंकियों के लिए जहन्नुम से कमी नहीं है, यह अपराधियों के लिए कठोर सजा का प्रतीक है।
खतरनाक जेल है
कहा जाता है कि, तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश अमेरिका में हुए आतंकी हमलों के बाद ऊंची कांटेदार तारों के दीवारों वाली खतरनाक जेल तैयार करवाया। यह जेल अपराधियों के लिए मौत से कम नहीं है।
ये भी पढ़ें : इमरान खान ने फैसल वावदा की पार्टी सदस्यता खत्म की, PTI की नीतियों से था एतराज
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post