जासं, भुवनेश्वर : धौली शांतिस्तूप स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित एक भव्य उत्सव में देश भर से सैकड़ों बौद्ध भिक्षुओं ने भाग लिया। विश्व शांति के लिए बौद्ध साधु संतों के शांति मंत्र से पूरा वातावरण प्रकंपित हो गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक शामिल हुए। ओडिशा हिंसा और युद्ध से शांति का साक्षात गवाह है। धौली शांतिस्तूप मानवीयता के विजय का एक महान प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शांति का कोई विकल्प नहीं है। आइए हम सब मिलकर हाथ मिलाएं और एक स्वस्थ, समृद्ध और शांतिपूर्ण पृथ्वी का निर्माण करने का आह्वान ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने किया है।
हम सभी के लिए गर्व, गौरव और आनंद की बात
धौली शांति स्तूप की स्वर्ण जयंती के अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “धौली शांति मंत्र से प्रकंपित हो रहा है। यह हर किसी के लिए सुनहरा पल है। कलिंग युद्ध एवं धौली ने धरती के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। इस पवित्र स्थान ने विश्व शांति और सद्भाव का संदेश दिया है। इस शांति स्तूप की स्वर्ण जयंती मनाना हम सभी के लिए गर्व, गौरव और आनंद की बात है।
दया नदी में इनस्ट्रीम स्टोरेज प्रोजेक्ट का निर्माण
धौली आधुनिक वास्तुकला की एक बड़ी उपलब्धि है। यह विश्व शांति और भारत-जापान मित्रता का निरदर्शन है। राज्य सरकार इस शांति स्तूप के सौंदर्यीकरण और विकास के लिए कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने वादा किया कि इसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल में बदल दिया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 95 करोड़ रुपये की लागत से दया नदी में एक इनस्ट्रीम स्टोरेज प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा।
मरम्मत और सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा
मुख्यमंत्री ने दुनिया के विभिन्न देशों से आए बौद्ध भिक्षुओं का अभिनंदन किया। कार्यक्रम में मंत्री अशेक पंडा, अश्विनी पात्र, मुख्य सचिव सुरेश महापात्रा और फाइव टी सचिव वीके पांडियन मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी स्थान ने चंडाशोक को धर्माशोक बना दिया है। आज यह विश्व पर्यटन स्थल बन गया है। धौली शांति स्तूप शांति का संदेश फैला रहा है। ओडिशा सरकार ने इसके विकास के लिए कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने शांति स्तूप के सौंदर्यीकरण के लिए कदम उठाए हैं। स्वर्ण जयंती के अवसर पर सरकार की ओर से करीब दो करोड़ रुपये के अनुदान से इसकी मरम्मत और सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है।
Edited By: Vijay Kumar
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