उन्होंने कहा कि परिचालन के लिए नकदी और नेटवर्क में निवेश बढ़ाने के लिए इस शुल्क को कम किया जाना चाहिए।
मुंद्रा ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस में कहा कि दूरसंचार क्षेत्र एक पूंजी प्रधान उद्योग है और यह महत्वपूर्ण है कि सरकार उद्योग पर बोझ कम करे।
उन्होंने कहा कि यह परिचालन के लिए नकदी को बढ़ा सकता है, जिसे दूरसंचार नेटवर्क में निवेश किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय दूरसंचार उद्योग में दुनिया भर में कहीं भी सबसे अधिक शुल्क हैं। हमें 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी), लगभग 12 प्रतिशत लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क देना होता है। यह 30 प्रतिशत तक बनता है और यह सभी को आसानी से दिख सकता है।’’
दूरसंचार कंपनी के सीईओ ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जो चीज बहुत ज्यादा दिखाई नहीं दे रही है वह है स्पेक्ट्रम की कीमत। अगर आप इसे वार्षिकी मूल्य में बदलते हैं और राजस्व के प्रतिशत के रूप में गणना करते हैं, तो यह उद्योग के राजस्व का 28 प्रतिशत है।’’
मुंद्रा ने इस दौरान दूरसंचार क्षेत्र में सुधारों और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों की भी सराहना की।
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