मध्यप्रदेश न्यूज़ डेस्क, दुनिया के किसी भी देश में जब-जब जनसंख्या असंतुलन बढ़ा है, उस देश का विघटन हुआ है. जनसंख्या असंतुलन ने देश की आर्थिक, सामाजिक, भौतिक स्थिति सहित अस्तित्व पर भी खतरा बढ़ता है. देश की पहली जनगणना 1881 से लेकर 2011 तक हिन्दू जन्मदर 13% घटी है, ये चिंता का विषय है. यदि देश में जनसंख्या असंतुलन न रोका गया तो आने वाले वर्षों में देश को 1947 की तरह एक ओर विघटन का दंश झेलना पड़ सकता है.
यह बात अखिल भारतीय धर्म जागरण समन्वय प्रमुख शरद ढोले ने स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला में कही. ढोले जनसंख्या असंतुलन की चुनौतियों व हमारी भूमिका विषय पर बोल रहे थे.
हर जनगणना में कम हुई हिन्दुओं की संख्या
ढोले ने कहा, प्रत्येक जनगणना में 1% हिन्दू कम होते गए. किसी भी समाज के संतुलन में उसकी जन्म दर और मृत्युदर 2.1% होनी चाहिए, लेकिन हिन्दू आबादी में ये दर 1.7 और मुस्लिम आबादी में 3.1 प्रतिशत है. इससे जनसंख्या असंतुलन बढ़ रहा है. जनसंख्या असंतुलन का बड़ा कारण धर्मांतरण और घुसपैठ भी है.
भोपाल न्यूज़ डेस्क !!!
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