बताया जा रहा है कि, कलूर गांव की 68 वर्षीय सरोज कुमारी व उसके 72 वर्षीय पति राम सिंह ने अपनी बेटी को ससुराल से बुलाया था. क्योंकि उनका छोटा बेटा बहू लेकर घर आ रहा था. माता पिता की सूचना के बाद बेटी मायके पहुंच गई. वहीं बेटा भी बहू को लेकर घर आ गया. सभी ने रात को एक साथ बैठ कर खाना खाया. इसके बाद सुबह का नाश्ता भी सभी ने इकट्ठे ही किया.
जानकारी देते हुए समाजसेवी राजीव रामा ने बताया कि, दंपती का बड़ा बेटा फौज में है. वह शाम तक नहीं पहुंचा तो दोनों पति-पत्नी की अर्थियां एक साथ घर से उठीं और श्मशानघाट में अगल-बगल में दोनों का अंतिम संस्कार किया गया. उनके छोटे बेटे ने अपने माता-पिता की चिताओं को मुखाग्नि दी.
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