जम्मू, राज्य ब्यूरो : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में समृद्ध संस्कृति, कला व पारंपरिक खेलों से पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से आयोजित चार दिवसीय लद्दाख फेस्टिवल रविवार को लेह में संपन्न हो गया। चार दिन तक चले इस महोत्सव में लद्दाख के ही कोने से आए सांस्कृतिक दलों ने अपने-अपने इलाकों की कला, संस्कृति की झलके पेश कर लद्दाख पहुंचे पर्यटकों का मनोरंजन किया। इस दौरान बोद्घ भिक्षुओं द्वारा मास्क डांस भी पेश किया गया। यह फेस्टिवल पर्यटकों का जीत गया।
महोत्सव के अंतिम दिन लोक कलाकारों ने लेह पैलेस की पारंरपिक रसोई में एकत्र होकर समा बांधा। इस महाेत्सव में लगाए गए स्टालों में लद्दाख की हस्तकला व स्थानीय दस्तकारों द्वारा बनाए गए उत्पाद भी प्रदर्शित किए गए थे। पोलो ग्राउंड में स्थानीय लोगों द्वारा खाने, पीने के स्टाल भी लगाए गए थे। लद्दाख फेस्टिवल में द्रुपका, थिक्से रिनपौचे, लेह हिल काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर ताशी ग्यालसन, सांसद जाम्यांग सेरिंग नाम्गयाल, वन विभाग के प्रिंसिपल चीफ कन्सर्वेटर जिगमित टकपा, आयुक्त सचिव पदमा अांगमो, पर्यटन सचिव महबूब अली व लेह हिल काउंसिल के काउंसिलर भी पहुंचे।
इस महोत्सव में लद्दाख के स्थानीय कलाकारों के साथ संगीत की धुन पर कई विदेशी व देश के अन्य हिस्सों से आए पर्यटकाें भी थिरके। इस समय लद्दाख में क्षेत्र की संस्कृति, लोक कला से पर्यटकों को आकर्षित करने का अभियान जारी है। ऐसे में लद्दाख महोत्सव के संपन्न होने के बाद अब क्षेत्र के कई ऐसे अन्य महोत्सवों के आयोजन की भी तैयारी है। इसके साथ लेह के प्रसिद्ध बोद्ध मठों में भी कार्यक्रमों का आयोजन होने जा रहा है। लद्दाख पर्यटन विभाग, लेह हिल काउंसिल व स्थानीय लोगों के सहयोग से इन महोत्सवों में देश, विदेश के पर्यटकों को लाने की तैयारी कर रहा है।
Edited By: Lokesh Chandra Mishra
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