जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Sangeet Natak Akademi Award 2021: रंगमंच की दुनिया में प्रसिद्ध हो चुके ललित सिंह पोखिरया (Lalit Pokhariya) को अब संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से नवाजा जाएगा। ललित पहाड़ के संघर्ष से निकले और लखनऊ को कर्मभूमि बनाया। अब तक वह हजारों नाटक लिखने के साथ ही अभिनय व निर्देशन के क्षेत्र में अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं। उनकी इस उपलब्धि पर कुमाऊं में खुशी की लहर है।
मूल रूप से पिथौरागढ़ के रहने वालो हैं पोखरिया
पिथौरागढ़ के डोकूना गांव में एक दिसंबर, 1960 को जन्मे ललित सिंह पोखरिया की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। इसके बाद उनका परिवार खटीमा के चकरपुर में आ गया था। आगे की पढ़ाई वहां करने के बाद वह पीलीभीत और फिर लखनऊ चले गए। स्नातक करने के बाद बाद साहित्य व रंगमंच की दुनिया में रुचि के चलते उनका चयन वर्ष 1984 में भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ में हो गया। इसके बाद वह रंगमंच की दुनिया में इस कदर रम गए कि कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
लखनऊ में है घर
रंगमंच के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए शुक्रवार काो ललित सिंह पोखरिया को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार-2021 से नवाजे जाने की घोषणा हुई। वह पुरस्कार का श्रेय अपनी जन्मभूमि, माता-पिता, गुरु राज बिसारिया और अपने परिवार को देते हैं। पिछले कई वर्षों से वह लखनऊ कल्याणपुर के शिवानी विहार में रहते हैं।्र
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ये हैं मुख्य उपलब्धियां
उनकी प्रकाशित रचनाओं में फांसी से बढ़कर, आविष्कार की खोज में, दुखवा में बीतल रतियां, नकटा बुच्चा आदि हैं। उन्हें भारतीय नाट्य अकादमी रजत जयंती पुरस्कार, कलाकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की ओर से सर्वश्रेष्ठ लेखक निर्देशक पुरस्कार, मंजुश्री पुरस्कार, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल की ओर से कलानिधि पुरस्कार और मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सीनियर फ़ेलोशिप से कई महत्वपूर्ण सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं। अब तक 55 नाटकों की रचना जिसमें से 30 बच्चों के लिए लिखे गए। अभी तक 72 नाटकों को निर्देशन और 60 से अधिक नाटकों में अभिनय।
Edited By: Rajesh Verma
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