Edited By Tanuja,Updated: 02 Nov, 2022 04:55 PM
भारत में आंतंक फैलाने व कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान अब खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों की मदद ले रहा है। पाकिस्तान और…
इस्लामाबादः भारत में आंतंक फैलाने व कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान अब खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों की मदद ले रहा है। पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI की भारत के खिलाफ नई साजिश का खुलासा हुआ है। खालिस्तान रेंफरेंडम के जरिए ये दुनियाभर के सिख अलगाववादियों को एकजुट कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ISI ने लाहौर में खालिस्तानी आतंकियों के साथ कई गुप्त बैठकें कीं। इनमें भारत के पंजाब प्रांत में अशांति फैलाने की नई साजिशों का ताना बाना बुना गया।
इस साजिश में पाकिस्तान दुनिया भर में स्थित अपने दूतावासों की भी मदद ले रहा है। पाक दूतावासों से कहा गया है कि वे खालिस्तानी अलगाववादियों व आतंकियों को एकजुट करें, उन्हें पैसा और हथियार मुहैया कराकर पंजाब में गड़बड़ी फैलाने के लिए उकसाएं। इसके लिए ISI ने ‘खालिस्तान घोषणापत्र’ नाम से साजिश तैयार की है। खुफिया सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की ‘नई योजना’ के तहत खालिस्तान समर्थक आतंकवादी समूहों ने भारत में चरमपंथ को बढ़ावा देने के लिए लाहौर स्थित गुरुद्वारे में शरण ले रखी है। खुफिया जानकारी के अनुसार, 1984 में श्रीनगर-लाहौर फ्लाइट के कथित अपहरणकर्ता को लाहौर के पंजा साहिब गुरुद्वारे में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से मिलते देखा गया।
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सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की योजना लाहौर के गुरुद्वारे में खालिस्तानी चरमपंथियों को रखने की है, ताकि वे सिख श्रद्धालुओं को ‘कट्टरपंथी’ बना सकें। सूत्रों की मानें तो अपहरणकर्ता रविंदर सिंह पिंका और उसके सहयोगी पंजा साहिब की 100वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारत से आए सिख श्रद्धालुओं से मिले ।पिंका ने जानबूझकर ज्ञानी हरप्रीत सिंह के साथ एक फोटो क्लिक की जिसे बाद में ढूंढ निकाला गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अधिकारियों को पिंका के बारे में सूचित किया गया, तो वीडियो को तुरंत एसजीपीसी की वेबसाइट से हटा लिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक जत्थेदार पूरे समुदाय के साथ थे और किसी को भी उनसे मिलने की मनाही नहीं थी। ज्ञानी हरप्रीत सिंह शायद पिंका को जानते या पहचानते भी नहीं थे। खुफिया सूत्रों ने कहा कि इस तरह के कट्टरपंथी तत्व लाहौर में हर जगह मौजूद हैं और इन गुरुद्वारों में दर्शन के लिए आने वाले भारतीयों को कट्टरपंथी बनाने के लिए जानबूझकर संपर्क कर रहे हैं। कथित खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने अपने खालिस्तान रेफरेंडम के एजेंडे को फैलाने के लिए बड़ी संख्या में फर्जी ट्विटर हैंडल बनाए हैं। 1450 ऐसे फर्जी अकाउंट पाए गए हैं। इनका मकसद खालिस्तानी एजेंडे व खालिस्तान हैशटैग को इस सोशल साइट में ट्रेंड कराना है।
बीते एक माह में खालिस्तान रेफरेंडम के समर्थन में 29032 ट्वीट किए गए हैं। इन्हें 7826 लोगों ने रिट्वीट किया। अक्तूबर में खालिस्तान के समर्थन में 334 नए ट्विटर अकाउंट भी बनाए गए। खालिस्तान का समर्थन करने वाले ट्विटर अकाउंट से हिजाब बैन, पाकिस्तान सेना, कश्मीर से जुड़े हैशटैग वाले ट्वीट भी सामने आए हैं। ये खाते ज्यादातर पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे हैं। अनेक खालिस्तानी ट्विटर अकाउंट को भी पाकिस्तान से ट्रेंड कराया गया। इन्हें पाकिस्तान, कनाडा, जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन में बैठे खालिस्तान समर्थक समर्थन दे रहे हैं।
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