सोलनएक घंटा पहले
पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत के दम पर आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल गुरुवार को हिमाचल में ताकत दिखाने पहुंचे, लेकिन पंजाब से ही आए कुछ टीचर्स ने उनका खेल बिगाड़ दिया। केजरीवाल सोलन में रोड शो कर रहे थे, लेकिन वे अपना भाषण तक पूरा नहीं कर पाए। उस पर पार्टी वर्करों पर लोगों को पीटने के आरोप लगे सो अलग। ऐेसे में हिमाचल विधानसभा चनाव में झाड़ू का सफर आसान नहीं दिखता।
सोलन में केजरीवाल के रोड शो में शामिल अधिकतर गाड़ियां पंजाब की थीं। जब वे लोगों को संबोधित करने लगे तो पंजाब से ही आए ETT-TET पास अध्यापक संघ के सदस्यों ने पोस्टर व पर्चे लहरा कर नारेबाजी की। इस पर हंगामा बरप गया। AAP कार्यकर्ताओं ने अध्यापक संघ के अध्यक्ष समेत दूसरे सदस्यों को पीटा। अध्यापक संघ के अध्यक्ष कमल ठाकुर का आरोप है कि इससे पहले उनके साथ दिल्ली में इसी तरह का दुर्व्यवहार किया गया।
हिमाचल चुनाव में अब आसान नहीं सफर
पंजाब में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद AAP ने अपना टारगेट हिमाचल चुनाव रखा। इसकी शुरुआत भी ठीक-ठाक रही। केजरीवाल ने मंडी में रोड शो किया। हिामचल में कांग्रेस-भाजपा के बाद तीसरे विकल्प का दम भरा। इससे पहाड़ के लोगों को उनसे बड़ी उम्मीदें बंधी। इसके बाद प्रदेश में चुनावी प्रचार को तेज करने के लिए गत 25 जुलाई को सोलन में पार्टी पंचायत प्रमुखों के शपथ कार्यक्रम में केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को आना था, लेकिन वे नहीं पहुंच पाए। इसके बाद पार्टी के चुनावी प्रचार की गति तेज होने के बजाय धीमी होती दिखी।
टिकट आवंटन से भी छिटके लोग
बाकी कसर टिकट आबंटन से नाराज लोगों के छिटकने से निकल गई। दरअसल, AAP में अधिकतर दूसरी पार्टियों से वही नेता आए जिन्हें यहां टिकट मिलने की उम्मीद थी। जब टिकट नहीं मिला तो पार्टी छोड़ गए। सोलन में ही कुछ समय पहले पार्टी में शामिल हुए विनोद कुमार, पलक राम कश्यप, अनोखी राम फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। इसी तरह अन्य क्षेत्रों में भी कई टिकट के चाहवान वापस पुरानी पार्टी में लौट गए।
हिमाचल से ज्यादा गुजरात को तवज्जो
AAP हिमाचल से ज्यादा गुजरात में संभावनाएं देखते हुए वहां ज्यादा जोर लगा रही है। केजरीवाल ने भी वहां ज्यादा समय दिया। पूर्व हिमाचल प्रभारी सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद किसी बड़े नेता ने यहां समय नहीं दिया। इससे पार्टी के उम्मीदवार भी निराश दिख रहे हैं। ऐसे में फिलहाल हिमाचल में आम आदमी पार्टी का तीसरे विकल्प का दावा पूरा होता नहीं दिखता।
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