झालावाड़3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
- ओपीडी में आने वाले रोज 20 मरीज इसी बीमारी से पीड़ित
आज की बदलती जीवनशैली, मोटापा, गलत खानपान के कारण गठिया यानी अर्थराइटिस रोग बुजुर्गों के साथ युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। जिला अस्पताल के आर्थोपेडिक विभाग की ओपीडी में आने वाले मरीजों में प्रतिदिन 20 मरीज इसी बीमारी से पीड़ित होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले बीस साल में इसके मरीजों की संख्या में करीब पचास प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत में यह रोग मधुमेह के बाद सबसे तेजी से फैल रहा है। सिर्फ भारत की बात करें तो यहां लगभग 15 प्रतिशत लोगों में गठिया रोग पाया जाता है।
गठिया के तहत रोगी के एक या कई जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाता है। इस रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है। नाड़ी की गति तेज हो जाती है, ज्वर होता है। लेकिन कुछ सावधानी बरत कर ऐसे असहनीय दर्द और गठिया जैसी बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं। इसके लिए लोगों को व्यायाम, खानपान पर ध्यान और अपनी हड्डियों को मजबूत रखना होगा, तभी इस गठिया जैसी बीमारी से निजात मिल सकती है।
शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है
गठिया शरीर के किसी भी हिस्से से हो सकता है। इसकी मुख्य वजह है जोड़ों में यूरिक एसिड जमा होने लगता है और वह धीरे धीरे गठिया का रूप लेने लगता है यूरिक एसिड की मुख्य वजह है गलत खानपान और जीवन शैली। जिसे कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए।
एक्सपर्ट व्यू: जोड़ों में सूजन से होता रोग
^गठिया यानी अर्थराइटिस रोग यह जोड़ों में सूजन के कारण होता है। जोड़ो में लिक्विड खत्म होने पर हड्डियां आपस में टकरा कर घीसती है इससे सूजन आती है। यही गठिया रोग है। मोटापा, बदलती जीवन शैली के कारण युवा इसकी चपेट में आ रहे है।
डॉ. पी झंवर, सीनियर प्रोफेसर, आर्थोपेडिक विभाग
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post