बरेली, अमृत विचार। परसाखेड़ा स्थित ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर पैसे लेकर टेस्ट में पास करने के मामले में अधिकारियों ने अपनी जांच पूरी कर आरटीओ को सौंप दी है। आरटीओ ने रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी है। अब मुख्यालय से परसाखेड़ा में आकर तकनीकी टीम गड़बड़ी की जांच करेगी। वहीं अधिकारियों की शुरुआती जांच में ट्रैक पर कुछ गड़बड़ी मिली है।
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ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्ट देने के लिए परसाखेड़ा में ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाया गया है। जिसके संचालन की जिम्मेदारी निजी कंपनी को दी गई है। सेंसर वाले ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर टेस्ट पास करने वाले आवेदनकर्ताओं को ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी होता है। ट्रैक पर टेस्ट देते वक्त कोई गलती हुई तो सेंसर तुरंत पकड़ लेता है। कुछ लोगों ने अधिकारियों से शिकायत की है कि ट्रैक का संचालन करने वाली कंपनी के कर्मचारियों द्वारा आठ हजार रुपये लेकर लाइसेंस जारी किए गए हैं। जिसके बाद अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू करा दी।
एआरटीओ प्रशासन मनोज सिंह और आरआई एमपी सिंह ने मौके पर पहुंचकर जांच की। जांच में सामने आया है कि ट्रैक पर लगे सेंसर 40 प्रतिशत खराब हैं। इसके अलावा सीसीटीवी के वीडियो फुटेज में समय का अंतर है। एआरटीओ और आरआई ने मामले की जांच रिपोर्ट आरटीओ को सौंप दी है। जिसके बाद अब लखनऊ से तकनीकी विशेषज्ञ की टीम ट्रैक पर गड़बड़ी की जांच करने के लिए आएगी।
नवंबर में 85 लोग हुए पास
परसाखेड़ा में बनाए गए ट्रैक पर 1 नवंबर से लेकर 23 नवंबर तक 418 लोग कार का टेस्ट देने के लिए पहुंचे। जिसमें से 360 लोग ट्रैक पर कार चलाकर नहीं दिखा सके। ऐसे में उन्हें फेल कर दिया गया। वहीं 58 आवेदक कार चलाने में पास हो गए। इसी तरह नवंबर माह में 381 लोग बाइक चलाने में फेल हो गए। जबकि 595 लोग बाइक चलाने में पास हो गए।
शुरुआती जांच में ट्रैक पर कमी पाई गई है। ट्रैक पर लगे सेंसर भी खराब मिले हैं। जांच रिपोर्ट आरटीओ को दी गई है। अब तकनीकी विशेषज्ञ की टीम ट्रैक पर पहुंचकर आगे की जांच करेंगी– मनोज सिंह, एआरटीओ प्रशासन।
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