लव ब्रदर्स फ्रूट ट्री नर्सरी के संस्थापक बेल्जियम की कार्लोस नर्सरी द्वारा तैयार किए पौधों की किस्मों से हुए रू-ब-रू
सिटी रिपोर्टर-शिमला
जुब्बल कोटखाई व रोहड़ू क्षेत्र के दो बागवान हिमाचल प्रदेश में बागवानी की आधुनिक तकनीकी को सीखने के लिए यूरोपीय देशों के दौरे पर हैं। लव ब्रदर्स फ्रूट ट्री नर्सरी के संस्थापक कृष जनारथा और अवनीश चौहान सेब बागवानी के विकास को लेकर तकनीकी हस्तांतरण के उद्देश्य से यूरोपीय देशों की यात्रा पर है। इस मकसद के तहत गुरुवार को लव ब्रदर्स फ्रूट ट्री नर्सरी के संस्थापकों ने बेल्जियम स्थित प्रतिष्ठित कार्लोस नर्सरी के प्रशासकों से मुलाकात की और उनकी नर्सरी का दौरा भी किया। कृष जनार्था के मुताबिक इस बीच कार्लोस नर्सरी के साथ हिमाचल की जलवायु के लिए उपयुक्त सेब और नाशपाती की किस्मों के आयात के बारे में डील की गई है जिसमे बिग बक्स गाला किस्में मुख्य है। उन्होंने कहा कि पूरे यूरोप में इस किस्म के पौधे केवल बेल्जियम की कार्लोस नर्सरी द्वारा ही तैयार किए जाते हैं। कार्लोस और भारतीय नर्सरी के मध्य हुए समझौते के मुताबिक भारत में केवल लव ब्रदर्स फ्रूट ट्री नर्सरी द्वारा ही इस किस्म के पौधे आयात किए जाएंगे।
इसके अलावा दोनो नर्सरियों के मध्य हिमाचल में नए सेब बागानों को विकसित करने के अलावा उनके रखरखाव और पोषण प्रबंधन के बारे में तकनीक हस्तांतरण और कंसल्टेंसी पर ही सहमति जताई गई है। कृष का कहना है कि बिग बक्स के अलावा भविष्य में भारत में क्लब किस्मों की फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए भी समझौता किया गया है। इसके तरह एक क्लब वैरायटी का आयात भी किया जाएगा। बताते चले कि कार्लोस यूरोप की प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय नर्सरी है जोकि की एबीसीजेड और जेएन फ्रूट के समूह सदस्य नर्सरी है। गाला बिग बक्स साउथ अफ्रीका की किस्म है जिसका फल भारतीय बाजार में अब तक केवल आयात करके ही ग्राहकों तक पहुंचाया जा रहा है। वाइन कलर की यह किस्म भारतीय बाजार में बहुत मांग होने के चलते 280 से 350 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है जोकि आयातित गाला किस्म को मिल रहे सबसे ऊंचे दाम है। इस मौके पर लव ब्रदर्स फ्रूट ट्री नर्सरी के कृष जनार्था और अवनीश चौहान के अलावा कार्लोस नर्सरी के सीईओ विलियम ब्राउक्स, सेल्स हेड एंड कंसल्टेंट राफ रेटन और सेल्स कंसल्टेंट क्रिस्टीन भी मौजूद रही।
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