पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार पुलिस को जल्द ही 450 से अधिक पुलिस पदाधिकारी मिलेंगे। यह सभी पुलिस पदाधिकारी संविदा पर बहाल किए जा रहे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन पुलिस पदाधिकारियों आपराधिक कांडों के अनुसंधान में लगाया जाएगा। इससे पुलिस अनुसंधान में तेजी आएगी और लंबित कांडों की संख्या घटेगी।
अनुसंधान में आएगी तेजी
दरअसल, राज्य में बड़ी संख्या में पुलिस अनुसंधान के मामले लंबित हैं। विभागीय समीक्षा में यह बात सामने आई कि अनुसंधान के लिए पुलिस पदाधिकारियों की कमी है। अनुसंधान कार्य प्रभावित न हो इसके लिए संविदा पर सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों को रखने का निर्णय लिया गया। इसके तहत पिछले एक साल में सेवानिवृत्त हुए पुलिस पदाधिकारियों को जिला पुलिस बल में आवेदन करने के लिए कहा गया। आवेदन प्रक्रिया के बाद अब पुलिस मुख्यालय ने संविदा पर सेवानिवृत्त पुलिस पदाधिकारियों की बहाली शुरू कर दी है।
पहले चरण में 140 पदाधिकारियों की नियुक्ति
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, पहले चरण में संविदा के आधार पर 140 पुलिस पदाधिकारियों का चयन किया गया है। पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक में एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने इन पदाधिकारियों को जल्द ही जिलों में नियुक्त करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही दूसरे चरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जानकारी के अनुसार, दूसरे चरण में संविदा के आधार पर 340 पुलिस पदाधिकारियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनकी स्क्रूटनी व अन्य प्रक्रिया जारी है। सेवानिवृत्त पुलिस पदाधिकारियों को एक साल के लिए संविदा पर रखा जाना है।
250 कैदियों को दी जाएगी विधिक सहायता
आदर्श केंद्रीय कारा बेउर में बड़ी संख्या में छोटे अपराधों में काफी दिनों से सैंकड़ों कैदी बंद हैं। कारा प्रशासन जिला विधिक सेवा प्राधिकार की मदद से उन्हें न्यायिक सहायता प्रदान करा रहा है। इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा। कार्यक्रम के माध्यम से कैदियों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया। पांच हजार से अधिक कैदियों को विधिक सहायता की जानकारी दी गई। इसके लिए प्राधिकार की ओर से पैनल के एक दर्जन अधिवक्ताओं को जानकारी देने के लिए लाया गया था। काराधीक्षक ने बताया कि बहुत सारे ऐसे कैदी बेउर जेल में बंद हैं, जिनके पास मुकदमा लड़ने के लिए न तो पैसे हैं और न ही कोई अधिवक्ता। कारा प्रशासन जिला विधिक सेवा प्राधिकार की मदद से ऐसे कैदियों को न्यायिक सहायता प्रदान करती है। इसी क्रम में बुधवार को जेल में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के माध्यम से जेल में बंद 250 से अधिक कैदियों की पहचान की गई, जिन्हें विधिक सहायता की जरूरत है। जागरूकता कार्यक्रम में उपाधीक्षक रामानुज राम, कौशल किशोर प्रसाद, भूतेश कुमार, आरती कुमारी, खुशबू कुमारी ने अहम भूमिका निभाई।
Edited By: Vyas Chandra
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