बिहार के मुख्य सचिव साइबर क्राइम के शिकार हो गए. इसके बाद EOU ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अपराधियों को पकड़ लिया. जिसके बाद सवाल है कि क्या आमलोगों के लिए कभी इतनी तत्परता दिखाई जाएगी?
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साइबर अपराध का गढ़ बनते जा रहे है बिहार में अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि असने अब बिहार के सबसे बड़े अधिकारी को ही अपना शिकार बना लिया. साइबर अपराधियों ने बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के अकाउंट से पैसे उड़ा लिए. इसके बाद आमिर सुबहानी ने तुरंत ईओयू को इसकी जानकारी दी. मामला बिहार के बिहार के मुख्य सचिव से जुड़ा हुआ था इसलिए ईओयू बिना देरी किए हरकत में आई और जालसाज को टीम ने पकड़ लिया.
अपराधियों ने राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के बैंक खाते से 90 हजार रुपये उड़ाने की कोशिश की थी. लेकिन आमिर सुबहानी को जैसे ही इस बात की भनक लगी वो सतर्क हो गए और तुरंत 90 हजार रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी EOU को दी गई. जानकारी मिलने के बाद 90 हजार रुपये को ब्लॉक कर दिया गया और आगे की कार्रवाई की गई
चीफ सेक्रेटरी के खाते ऑनलाइन खरीदारी
बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के अकाउंट से अमेजन और मोबिक्विक वेबसाइट 90 हजार रुपए की ऑनलाइन खरीदारी कर ली गई.मुख्य सचिव को फ्रॉड का तब पता चला, जब अकाउंट से रुपए कटने के मैसेज आने लगे. इस मामले में चौकाने वाली बात यह है कि जब उनके खाते से ऑनलाइन खरीददारी की जा रही थी तब बैंक की तरफ से OTP नहीं आया लेकिन उनके खाते रुपए ट्रांसफर किए जाने के बाद का मैसेज आया. पुलिस अब गिरफ्तार जालसाज का कुंडली खंगाल रही है. लेकिन अपराधी के बारे में ईओयू ने अभी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
कब होगी आम लोगों के लिए ऐसी कार्रवाई
साल 2016 में बिहार में साइबर अपराध के 309,2017- 433,18 में 374, 19-1,050, 2020 में 1,512 मामले दर्ज किए गए हैं. बिहार में ऑनलाइन लेनदेन पिछले 10 सालों में 15 से 20 गुना बढ़ गए हैं. इससे ज्यादा गति से साइबर अपराध के मामले 10 सालों में सौ गुना बढ़ गये हैं. सबसे अधिक साइबर क्राइम राजधानी पटना में होता है.लेकिन सवाल यह है कि जिस तरह मुख्य सचिव के मामले में ईओयू ने बिना देरी किए कार्रवाई की क्या उस तरह आमलोंगों के साथ जब साइबर फ्रॉड होता है तो कार्रवाई होता है? और उनकी गाढ़ी कमाई लुटने से बच जाएगी.
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