लखनऊएक घंटा पहले
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इंडियन रोड कांग्रेस के सत्र के दौरान विशेषज्ञ।
सड़क निर्माण और उसके रख- रखाव पर खर्च कम किया जाए। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुए भारतीय रोड़ कांग्रेस के छह सत्रों में इसको लेकर चर्चा हुई। आने वाले 3 दिन तक इस पर विशेष मंथन चलेगा। सत्रों में कम लागत में सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए नवीनतम तकनीक की बारीकियों को समझाया गया।
इनमें टिकाऊ सड़कों के निर्माण और उनके रखरखाव की निगरानी के लिए उपयोग में लाए जा रहे मोबाइल साफ्टवेयर और एप सिस्टवम के प्रभावी क्रियान्वयन की जानकारी दी गई। इस दौरान यूपी ने जहां एफडीआर तकनीक की बात वहीं केरल ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अपने यहां नारियल की रस्सी से सड़क निर्माण कराने की बात कही।
इंजीनियरिंग छात्रों ने कम खर्च पर रखी बात
सम्मेलन में प्रथम और द्वितीय सत्र पूरी तरीके से इंजीनियर छात्रों एवं तकनीकी विद्वानों द्वारा प्रस्तुत किया गया , जिसमें विभिन्न नई तकनीक से सड़क निर्माण के बारे में चर्चा की गई। विभिन्न सड़क निर्माण में प्रयुक्त सामग्री व ग्रामीण मार्ग निर्माण पर चर्चा हुई। अन्य सत्र तकनीकी में आधुनिकीकरण पर आधारित रहे। एनआर आईडीए के डायरेक्टर प्रदीप अग्रवाल ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क परियोजना के तहत बनाई गईं सड़कों की निगरानी के लिए कंप्लीरट आईटी सॉल्यूचशन की प्रस्तुति की।
उन्होंने देश में बन चुकी ग्रामीण सड़कों के रखरखाव की निगरानी के लिए ई-गवर्नेंस पर आधारित ई-मार्ग को बेहद उपयोगी बताया। ई-मार्ग के इस्तेमाल से सड़कों के रखरखाव खर्च में जहां काफी कमी आई वहीं, उनकी गुणवत्ता में भी काफी सुधार देखने को मिला।
मंत्री जितिन प्रसाद रोड कांग्रेस में आए जानकारों से चर्चा करते हुए।
एफडीआर तकनीक से बनाई सड़क
यूपी में एफडीआर यानी फुल डेफ्थ क्लेमेशन तकनीक की मदद से पायलट प्रोजेक्टा के तहत 100 किमी सड़कों को कम लागत और रखरखाव पर बनाया गया। वक्ताओं ने ऐसी सड़क बनाने पर जोर दिया, जिनकी निर्माण लागत कम और रखरखाव खर्च भी कम हो। वक्ताओं ने विदेशी तकनीक की बजाय स्वदेशी के इस्तेमाल करने पर बल दिया।
केरल में नारियल की रस्सी से सड़क बनाई
केरल से आईं मिसेज सुमी सेबास्टियन ने जिओ टैक्सनटाइल्स तकनीक से कम लागत में पर्यावरण के अनुकूल सड़के बनाने का प्रोजेक्टे पेश किया। इसमें बहुतायत से पैदा होने वाले नारियल की जटा से बनी रस्सियों का इस्तेमाल टिकाऊ सड़कों के निर्माण में किया गया। यह सड़क पर्यावरण के हिसाब से सही है। इसकी मजबूती भी किसी से कम नहीं है।
तकनीकी सत्र में इन लोगों ने रखी बात
पहले दिन प्रमुख रूप से डॉक्टर आशीष कुमार गोयल,मनोज कुमार सिंह, एके प्रधान,डॉ मनोज शुक्लाड, वीके चौधरी , एसएसवी रमाकुमार, सीए अय्यादुरई, एचआरएस चैन्ने ने अपनी सत्र को संबोधित किया।
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