उज्जैन. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में करीब 900 मीटर लंबे ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे का लोकार्पण किया. महाकालेश्वर मंदिर गलियारा विकास परियोजना राज्य की राजधानी भोपाल से लगभग 200 किलोमीटर दूर उज्जैन में है. कुल 856 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के पहले चरण में ‘महाकाल लोक’ को 351 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. मोदी ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ कार्यक्रम स्थल पर मौजूद साधुओं का अभिवादन किया.
उन्होंने ‘श्री महाकाल लोक’ राष्ट्र को समर्पित करने के लिए शिवलिंग की प्रतिकृति का अनावरण करने के लिए रिमोट का बटन दबाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण करने के बाद जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लोगों को संबोधित किया और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण दिया.
आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें… (इनपुट भाषा से)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में महाकाल को प्रणाम करते हुए किया. पीएम मोदी ने कहा कि शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है. सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है. अविस्मरणीय है, अविश्वसनीय है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी तपस्या और आस्था से जब महाकाल प्रसन्न होते हैं तो उनके आशीर्वाद से ही ऐसे ही भव्य स्वरुप का निर्माण होता है. और महाकाल का जब आशीर्वाद मिलता है तो काल की रेखाएं मिट जाती हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उज्जैन के छण-छण में, पल-पल में इतिहास सिमटा हुआ है. कण-कण में आध्यात्म समाया हुआ है और कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव इतना विशाल तभी होता है, जब उसकी सफलता का परचम, विश्व पटल पर लहरा रहा होता है. सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए ये जरूरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए, अपनी पहचान के साथ गौरव से सर उठाकर खड़ा हो.
पीएम मोदी ने कहा कि उज्जैन वो नगर है, जो हमारी पवित्र सात पुरियों में से एक गिना जाता है. ये वो नगर है, जहां भगवान कृष्ण ने भी आकर शिक्षा ग्रहण की थी. उज्जैन ने महाराजा विक्रमादित्य का वो प्रताप देखा है, जिसने भारत के नए स्वर्णकाल की शुरुआत की थी.
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व जैसे पंच प्राण का आहृवान किया है. इसलिए आज अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरी गति से हो रहा है. काशी में विश्वनाथ धाम भारत की संस्कृति का गौर बढ़ा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि उज्जैन जैसे हमारे स्थान खगोलविज्ञान, एस्ट्रॉनॉमी से जुड़े शोधों के शीर्ष केंद्र रहे हैं. आज नया भारत जब अपने प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है, तो आस्था के साथ-साथ विज्ञान और शोध की परंपरा को भी पुनर्जीतित कर रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि महाकाल के आशीर्वाद से भारत की भव्यता पूरे विश्व के विकास के लिए नई संभावनाओं को जन्म देगी. भारत की दिव्यता पूरे विश्व के लिए शांति के मार्ग प्रशस्त करेगी. इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि महाकाल की शरण में विष में भी स्पंदन है. महाकाल के सानिध्य में अवसान से भी पुनर्जीवन है. यही हमारी सभ्यता का वो आध्यात्मिक आत्मविश्वास है, जिसके सामर्थ्य से भारत हजारों वर्षों से अमर बना हुआ है.
पीएम मोदी ने कहा कि जो शिव ‘सोयं भूति विभूषण:’ हैं. अर्थात, भस्म को धारण करने वाले हैं, वो ‘सर्वाधिप: सर्वदा’ भी है. यानि की वो अनश्वर और अविनाशी भी हैं. इसलिए, जहां महाकाल हैं, वहां कालखंडों की सीमाएं नहीं हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना से देशभर में हमारी आध्यात्मिक चेतना के ऐसे कितने ही केंद्रों का गौरव पुन: स्थापित हो रहा है. और अब इसी कड़ी में भव्य और अतिभव्य महाकाल लोक भी अतीत के गौरव के साथ, भविष्य के स्वागत के लिए तैयार हो चुका है.
पीएम मोदी ने चारों धाम की कनेक्टिविटी को लेकर कहा कि आजादी के बाद पहली बार चार धाम प्रोजेक्ट के जरिए, हमारे चारों धाम ऑल वेदर रोड से जुड़ने जो रहे हैं. आजादी के बाद पहली बार करतारपुर साहिब खुला है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
FIRST PUBLISHED : October 11, 2022, 21:46 IST
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post