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- Kashmir Accession | Kiren Rijiju On Pandit Jawaharlal Nehru Over Kashmir Merger
नई दिल्ली29 मिनट पहले
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आजादी के बाद रियासतों के भारत में विलय को लेकर भाजपा पूर्व गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की चतुराई की हमेशा प्रशंसा करती है। वहीं कश्मीर के विलय को लेकर वो पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पर हमलावर रहती है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को एक बार फिर पंडित नेहरू पर हमला बोला।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लगातार चार ट्वीट किए। रिजिजू ने ‘कश्मीर ब्लंडर्स ऑफ नेहरू’ हैशटैग के साथ लिखा- आज 27 अक्टूबर को ‘कश्मीर पर नेहरू की गलतियों’ की 75वीं वर्षगांठ है। कश्मीर पर नेहरू की पांच भूलों का खामियाजा आज भी हमारा देश भुगत रहा है।
इन नेहरूवादी भूलों के कारण सात दशक बर्बाद हो गए और भारत को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी। आखिरकार, 2019 में इतिहास ने एक मोड़ लिया जब इंडिया फर्स्ट एकमात्र सिद्धांत था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद-370 रद्द किया और जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह भारत के साथ कर दिया।
रिजिजु ने नेहरू की किन 5 भूलों का जिक्र किया? यह जानने से पहले समझते हैं कि जम्मू-कश्मीर को लेकर पंडित जवाहर लाल नेहरू पर हमला बोलने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री ने आज ही का दिन क्यों चुना?
आज 27 अक्टूबर 1947, इस दिन के मायने समझते हैं…
दरअसल, आज 27 अक्टूबर 1947 है। यानी इतिहास का वो दिन है, जब पाकिस्तानी सेना और लश्कर आक्रमणकारियो ने जम्मू-कश्मीर पर हमला कर उसे हथियाने की नापाक कोशिश की थी। 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान ने 5 हजार कबायलियों को कश्मीर में घुसपैठ करके कब्जा करने के लिए भेजा था, तब कश्मीर के शासक महाराजा हरि सिंह ने भारत सरकार से मदद मांगी थी।
इसके बाद हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। तब सेना की सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन से एक पैदल सेना का दस्ता विमान से श्रीनगर भेजा गया। 27 अक्टूबर, 1947 को भारतीय पैदल सैनिकों ने कश्मीर को कबायलियों के चंगुल से मुक्त करवा दिया।
स्वतंत्र भारत के इतिहास में विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ भारतीय सेना का यह पहला फौजी अभियान था, जिसे इन्फेंट्री ने अंजाम दिया। इस अभियान में शानदार कामयाबी की याद में हर साल 27 अक्टूबर को देश में ‘इन्फेंट्री डे’ यानी पैदल सेना दिवस भी मनाया जाता है।
अब जानिए नेहरू की वो 5 भूल जिनका जिक्र किरेन रिजिजू ने किया…
कश्मीर पर नेहरू की 5 भयानक गलतियां
- महाराजा हरि सिंह जुलाई 1947 में ही भारत में विलय चाहते थे, नेहरू ने नकार दिया।
- नेहरू ने विलय को मंजूरी तो दी, लेकिन शर्तों के साथ।
- आर्टिकल 35 के तहत UNO में मामला लेकर गए, 51 का इस्तेमाल नहीं किया UN के दखल के बाद कश्मीर में जनमत संग्रह की मांग खुलेआम उठने लगी।
- आर्टिकल 370 लगाया, इससे अलगाववाद की भावना जन्मी।
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