एजेंसियां — बाली
यूक्रेन युद्ध के बीच भारत ने एक बार फिर से दोनों देशों को बातचीत के रास्ते पर लौटना का संदेश दिया। इंडोनेशिया के बाली में जारी जी20 शिखर सम्मेलन में बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने पश्चिमी देशों को भी सख्त संदेश दिया। पीएम ने कहा कि दुनिया के विकास के लिए भारत की ऊर्जा-सुरक्षा महत्त्वपूर्ण है और दुनिया को इसकी परवाह करनी चाहिए। मंगलवार को जी20 शिखर सम्मेलन में अपने पहले संबोधन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए। पीएम मोदी का यह संदेश सीधे तौर पर अमरीका सहित पश्चिमी देशों की तरफ था। दरअसल रूस द्वारा यूक्रेन पर अटैक करने के बाद से अमरीका ने नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों ने उस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं।
इनका असर ऊर्जा आपूर्ति पर भी पड़ रहा है। जब पीएम मोदी ने प्रतिबंधों को बढ़ावा न देने का संदेश दिया, तो उस समय अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित शीर्ष विश्व नेता उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए ‘युद्धविराम और कूटनीति’ के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया। साथ ही रूसी तेल व गैस खरीद के खिलाफ पश्चिमी देशों के आह्वान के बीच उन्होंने ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा देने का विरोध किया। मोदी ने वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 वैश्विक महामारी और यूक्रेन संकट के कारण उत्पन्न वैश्विक चुनौतियों ने दुनिया में तबाही मचा दी है और वैश्विक आपूर्ति शृंखला ‘चरमरा’ गई है।
दूसरे विश्व युद्ध ने बरपाया कहर, यूक्रेन में युद्धविराम का रास्ता खोजना होगा
पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर शांति का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि मैं कई बार दोहरा चुका हूं कि हमें सीजफायर और डिप्लोमैसी के रास्ते पर बढ़ते हुए यूक्रेन युद्ध का हल निकालना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पिछली शताब्दी में तबाही देखी थी। तब के नेताओं ने उस संकट से निकलने के लिए गंभीर प्रयास किए थे और शांति के रास्ते पर आए थे। अब हमारी बारी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के बाद अब नया वल्र्ड ऑर्डर तैयार हो रहा है और इसकी जिम्मेदारी अब हमारे ऊपर है। उन्होंने कहा कि वक्त की जरूरत है कि शांति, सद्भाव और सुरक्षा के लिए मजबूती से कदम बढ़ाए जाएं। पीएम मोदी ने कहा कि हमें भरोसा है कि अगले साल जब हम बुद्ध और महात्मा गांधी की धरती पर मिलेंगे, तो दुनिया को शांति का संदेश देने में कामयाब होंगे।
2014 के बाद बदल गया भारत
प्रवासी भारतीयों से बोले मोदी; अब स्पीड और स्केल पर कर रहा काम, सुख-दु:ख के साथी हैं इंडिया-इंडोनेशिया
एजेंसियां — बाली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भारतीय समुदाय के लोगों से मिलने पहुंचे। इंडोनेशिया में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि ‘हम साझा विरासत और संस्कृति से जुड़े हुए हैं।’ बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया अच्छे और बुरे दोनों समय के साथी हैं। उन्होंने कहा कि भारत और इंडोनेशिया दोनों सुख-दुख के साथी हैं। जब 2018 में इंडोनेशिया में बड़ा भूकंप आया, तो भारत ने तुरंत ऑपरेशन समुद्र मैत्री शुरू किया था। तब मैंने कहा था कि भारत और इंडोनेशिया में 90 नॉटिकल मील का फैसला भले ही हो, हम 90 नॉटिकल मील दूर नहीं हैं, हम 90 नॉटिकल मील पास हैं। उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में भारत इंडोनेशिया के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने कहा कि भारत 21वीं सदी में दुनिया के लिए उम्मीद की किरण है और आज का भारत छोटा नहीं सोचता।
आज भारत अभूतपूर्व पैमाने और गति से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान दवाओं और टीकों में भारत की आत्मनिर्भरता ने दुनिया को लाभान्वित किया। उन्होंने भारतीयों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि आज भारत स्मार्ट फोन डाटा के उपभोग में दुनिया में नंबर-1 है। आज भारत कितनी ही दवाइयों की सप्लाई में, अनेक वैक्सीन बनाने में दुनिया में नंबर-1 है। 2014 के पहले और 2014 के बाद के भारत में बहुत बड़ा फर्क है, ये बहुत बड़ा फर्क मोदी नहीं है। ये बहुत बड़ा फर्क है स्पीड और स्केल में।
जी20 के मेनिफेस्टो में मोदी की बात
दो महीने पहले समरकंद में शंघाई कोऑपरेशन समिट हुई थी। इस दौरान मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से कहा था कि यह दौर जंग का नहीं, बातचीत का है। तब मोदी की इस बात को वेस्टर्न मीडिया ने जोर-शोर से उठाया था। अब जी-20 के कम्युनिक्यू या कहें मेनिफेस्टो में इसी लाइन को जगह दी गई है।
दुनिया ने फिर देखी भारत-अमरीका की दोस्ती
मोदी से हाथ मिलाने खुद आगे आए बाइडेन
जी 20 सम्मेलन के दौरान दुनिया को एक बार फिर भारत-अमरीका की दोस्ती देखने को मिली। सोशल मीडिया में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें सम्मेलन के शुरू होने से पहले जो बाइडेन खुद प्रधानमंत्री मोदी के पास जाकर उनसे हाथ मिलाते और गले मिलते नजर आ रहे हैं। कूटनीतिक तौर पर अहम मानी जा रही इन तस्वीरों से भारत-अमरीका के संबंधों की गंभीरता का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। वीडियो में देखा जा सकता है कि सम्मेलन के लिए अपनी जगह पर बैठने से पहले बाइडेन खुद पीएम मोदी के पास आते हैं और उनसे हाथ मिलाते हैं। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच कुछ देर बातचीत भी होती है, जिसके बाद बाइडेन मोदी के कंधे पर हाथ रखते हुए फिर से उनसे हाथ मिलाते नजर आते हैं। इस दौरान पीएम मोदी उनसे कुछ कहते हैं, जिसे सुनकर वह हंस पड़ते हैं। बातचीत के बाद पीएम मोदी और बाइडेन अपनी-अपनी जगह बैठ जाते हैं।
डब्ल्यूएचओ चीफ ने पीएम को कहा थैंक यू
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेबरेयेसस ने ‘हैल्थ फॉर ऑल’ सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक पारंपरिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना में समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने महामारी और स्वास्थ्य संकट के बारे में भी बात की। पीएम मोदी के साथ फोटो ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि ग्लोबल ट्रेडिशनल हैल्थ सेंटर की मेजबानी और निर्माण के लिए डब्ल्यूएचओ के साथ आपके सहयोग के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद। ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ के लिए एक साथ हैं।
डिनर के दौरान मिले जिनपिंग और पीएम मोदी
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने समिट में आए सभी नेताओं के लिए डिनर होस्ट किया। इस दौरान पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने हुए। दोनों ने हाथ मिलाए और कुछ देर तक बातचीत की। कुछ मीडिया रिपोट्र्स में कहा गया है कि मोदी और जिनपिंग जी-20 समिट से अलग बातचीत भी कर सकते हैं।
जी20 के मंच पर दो भारतीय
ब्रिटेन के पीएम बनने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी से मिले ऋषि सुनक
इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में दुनियाभर के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक-एक कर वैश्विक नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। बाली में उन्होंने अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत कई राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की। मगर एक मीटिंग, जिसने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा, वह थी ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और पीएम मोदी की मुलाकात। वैश्विक मंच पर दो हिंदुस्तानियों की इस मुलाकात पर सभी की निगाहें रुक गईं। पिछले महीने सुनक के सत्ता संभालने के बाद से दोनों के बीच यह पहली आमने-सामने हुई बातचीत थी।
समिट में पुतिन के न पहुंचने पर बरसे सुनक
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने रूस से यूक्रेन से बाहर निकलने को कहा है। सुनक ने विश्व नेताओं के जी20 शिखर सम्मेलन में रूस के ‘बर्बर’ आक्रमण की निंदा की। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की मौजूदगी में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिटेन यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेगा। सुनक ने कहा कि शायद अगर वह होते, तो हम चीजों को सुलझा सकते थे। उन्होंने कहा कि ये ध्यान देने वाली बात है कि पुतिन हमारे साथ यहां शामिल होने में सक्षम नहीं थे। हो सकता है कि अगर वह ऐसा करते तो हम चीजों को सुलझा सकते थे। कोई भी सबसे बड़ा अंतर यह कर सकता है कि रूस यूक्रेन से बाहर निकल जाए और इस बर्बर युद्ध को समाप्त कर दे।
रूस के खिलाफ जी-20 में भी अकेला पड़ा यूएस
यूक्रेन युद्ध पर दुनिया बंटी हुई है और इसका नजारा इंडोनेशिया के बाली में हो रही जी-20 समिट में भी देखने को मिला है। इस समिट के समापन घोषणापत्र में रूस की आलोचना करने का प्रस्ताव पश्चिमी देशों की ओर से रखा गया था, जो गिरता दिख रहा है। भारत के अलावा चीन, रूस, ब्राजील, सऊदी अरब और खुद मेजबान इंडोनेशिया ने विरोध किया है। अमरीका, यूरोप समेत कई पश्चिमी देशों की ओर से रूस की निंदा को लेकर प्रस्ताव लाया गया था। फिलहाल जी-20 समिट के फाइनल डिक्लेरेशन को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन भारत, चीन, इंडोनेशिया जैसे देशों ने रूस का समर्थन करते हुए इसका विरोध किया है, पूरे मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि इंडोनशिया के राष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।
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