नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत और ईरान ने गुरुवार को आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। साथ ही, चाबहार बंदरगाह के शहीद बेहिस्ती टर्मिनल के विकास में सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई।
भारत- ईरान के बीच कई मुद्दों पर चर्चा
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, भारत और ईरान के बीच बृहस्पतिवार को विदेश कार्यालय स्तर की द्विपक्षीय बैठक हुई। इसमें ईरानी पक्ष का नेतृत्व वहां के उप विदेश मंत्री अली बाघेरी कानी ने किया, जबकि भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने किया। कानी और क्वात्रा के नेतृत्व में दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
कानी ने परमाणु समझौते के बारे में दी जानकारी
कानी ने संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) से संबंधित मुद्दों पर भी विदेश सचिव को जानकारी दी कि ईरान 2015 में अमेरिका सहित कई विश्व शक्तियों के साथ ऐतिहासिक परमाणु समझौता पर पहुंचा था। अपनी शर्तों के तहत ईरान अरबों डालर के प्रतिबंधों से राहत के बदले में अपने अधिकांश परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने और अधिक व्यापक अंतरराष्ट्रीय निरीक्षणों के लिए अपनी सुविधाओं को खोलने पर सहमत हुआ था।
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भारत को तेल आपूर्ति फिर से शुरू करने का इच्छुक है ईरान
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2018 में समझौते से संयुक्त राज्य अमेरिका को वापस लेने के बाद से यह सौदा खतरे में है। ट्रंप प्रशासन द्वारा तेहरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने के बाद भारत ने ईरान से तेल खरीदना बंद कर दिया था। ईरान भारत को तेल आपूर्ति फिर से शुरू करने का इच्छुक है और उसने कच्चे तेल की आपूर्ति पर कुछ रियायतें देने की भी पेशकश की है।
जयशंकर से भी मिले ईरानी उप विदेश मंत्री
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी पिछले साल जनवरी में कार्यभार संभालने के बाद से ही परमाणु समझौते को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि ईरानी उप विदेश मंत्री ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की थी।
पश्चिमी देशों ने आधारहीन और भ्रामक माहौल बनाया
उधर, एएनआइ से बातचीत में ईरान के उप विदेश मंत्री कानी ने कहा कि ईरान में 22 वर्षीय महसा (जीना) अमिनी की मौत के विरोध में पश्चिमी देशों ने आधारहीन और भ्रामक माहौल बनाया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कथित रूप से अपने हिजाब को ठीक से नहीं पहनने पर मोरेलिटी पुलिस द्वारा हिरासत में ली गई कुर्द-ईरानी महिला की सितंबर में हुई मौत के बाद इस्लामी गणराज्य हाल के इतिहास में असंतोष के सबसे बड़े प्रदर्शनों में से एक का सामना कर रहा है। बघेरी ने कहा कि महसा की हत्या नहीं की गई थी, उनका निधन हो गया था।
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Edited By: Achyut Kumar
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