गोरखपुर, जागरण संवाददाता। भारत-नेपाल सीमा से सटे बस स्टेशनों और स्टापेज का कायाकल्प होगा। इन बस स्टेशनों पर न सिर्फ नए भवन बनेंगे और आधुनिक उपकरण स्थापित किए जाएंगे, बल्कि यात्री सुविधाएं भी उच्चस्तरीय होंगी। पर्यटकों के मन में भारत की छवि बेहतर बनाने तथा भारत और नेपाल के लोगों को यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शासन ने भारत-नेपाल सीमा से सटे सोनौली, सिद्धार्थनगर, बढ़नी, ककरहवा, ठूठीबारी, महराजगंज, फरेंदा, सिसवा, निचलौल और तमकुही में नए आधुनिक सुविधाओं से युक्त बस स्टेशन बनाने की योजना तैयार की है। महराजगंज जिला प्रशासन ने फरेंदा और सिसवा बस स्टेशन के विकास के लिए भूमि भी चिन्हित कर लिया है। कसया बस स्टेशन का पहले से ही नवनिर्माण हो रहा है।
इन स्टेशनों की भी बदलेगी सूरत
सरकार की पहल पर शासन ने भारत-नेपाल सीमा से सटे बस स्टेशनों और स्टापेज के अलावा परिक्षेत्र में पड़ने वाले गोरखपुर सहित देवरिया, पडरौना, महराजगंज, बस्ती, सिद्धार्थनगर और खलीलाबाद स्थित जिला मुख्यालयों के बस स्टेशनों की सूरत बदलने का भी निर्णय लिया है। यह सभी जिला मुख्यालय स्टेशन एयरपोर्ट की तर्ज पर माडल के रूप में तैयार किए जाएंगे। परिवहन निगम ने प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। गोरखपुर बस स्टेशन को तो लखनऊ के आलमबाग की तरह विकसित किया जाएगा। इसके लिए साढ़े चार एकड़ भूमि भी चिन्हित कर ली गई है। स्टेशन का विकास पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल के आधार पर किया जाएगा, इस स्टेशनों पर प्रवेश के साथ ही गेट पर स्थानीय पहचान की झलक मिल जाएगी।
लखनऊ के आलमबाग की तरह बनेगा गोरखपुर बस स्टेशन
इसके लिए बड़ी निर्माण कंपनियां आमंत्रित की जा रही हैं। गोरखपुर बस स्टेशन परिसर में स्थित क्षेत्रीय व मुख्यालय कार्यशाला बशारतपुर के नवनिर्मित वर्कशाप में शिफ्ट किए जा
रहे हैं। गोरखपुर बस स्टेशन का कायाकल्प हो जाने से बसों का आवागमन सुलभ होने के साथ यात्रियों को परिसर में ही बेहतर सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। उन्हें नाश्ता, भोजन, खरीदारी और विश्राम आदि के लिए स्टेशन परिसर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। बस स्टेशनों और स्टापेज के नवनिर्माण को लेकर 15 नवंबर को शासन स्तर पर बैठक होनी है।
भारत-नेपाल सीमा से सटे बस स्टेशनों और स्टापेज का विकास किया जाएगा। जिला मुख्यालय स्थित बस स्टेशन भी माडल बनाए जाएंगे। गोरखपुर बस स्टेशन को पीपीपी माडल पर आलमबाग की तरह बनाने की तैयारी चल रही है। – पीके तिवारी, क्षेत्रीय प्रबंधक- परिवहन निगम।
Edited By: Pradeep Srivastava
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