यह पूछे जाने पर कि देश में सुपर लग्जरी कारों की बिक्री में वृद्धि को क्या सीमित कर रहा है, उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम भारतीय बाजार की विशिष्टताओं पर आते हैं, तो यह स्पष्ट है कि भारतीय बाजार में कर की उच्च दरें बिक्री में वृद्धि को सीमित कर रही है.’’
इटली की सुपर लग्जरी कार कंपनी ऑटोमोबिली लैम्बोर्गिनी के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) स्टीफन विंकेलमैन ने कहा है कि कराधान की ऊंची दर भारत में सुपर लग्जरी कार बाजार के विस्तार को सीमित कर रही है.
लैम्बोर्गिनी भारतीय बाजार में 3.16 करोड़ रुपये से शुरू होने वाली कीमतों के साथ सुपर लग्जरी कारों की एक श्रृंखला की बिक्री करती है. कंपनी ने बीते वर्ष के दौरान देश में अपने अबतक के सबसे अधिक 69 वाहन बेचे थे.
विंकेलमैन ने वर्चुअल माध्यम से बातचीत में कहा, ‘‘भारत हमारे लिए एक बाजार है जो दुनियाभर में हमारे अधिकांश बाजारों की तरह विकास के रास्ते पर है.’’
यह पूछे जाने पर कि देश में सुपर लग्जरी कारों की बिक्री में वृद्धि को क्या सीमित कर रहा है, उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम भारतीय बाजार की विशिष्टताओं पर आते हैं, तो यह स्पष्ट है कि भारतीय बाजार में कर की उच्च दरें बिक्री में वृद्धि को सीमित कर रही है.’’
हालांकि, विंकेलमैन ने कहा, ‘‘हम अपने प्रदर्शन से बहुत संतुष्ट हैं क्योंकि हमने हमेशा कहा है कि हम एक निश्चित संख्या के लिए नहीं दौड़ रहे हैं. हम भविष्य में भी गति बनाए रखना चाहते हैं.’’
गौरतलब है कि वर्तमान में वाहन पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ उसपर एक से 22 प्रतिशत तक उपकर लगता है. पूर्ण निर्मित इकाई (सीबीयू) के रूप में आयातित कारों पर इंजन के आकार के आधार पर 60 से 100 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है.
इससे पहले मर्सिडीज और टेस्ला जैसी महंगी कार बनाने वाली कंपनियां भी कुछ ऐसा ही विचार व्यक्त कर चुकी हैं. इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली दिग्गज अमेरिकी कार निर्माता कंपनी टेस्ला तो इलेक्ट्रिक वाहनों में लगने वाले टैक्स की दर को कम करने के लिए कई बार बयान दे चुकी है. हालांकि टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क भी लग्जरी कारों पर लगने वाले अधिक टैक्स दर को लेकर काफी कुछ कहते रहे हैं.
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