Most Earthquakes In India: धरती में 12 टैक्टोनिक प्लेटें होती हैं. इन प्लेटों के आपस में टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है, उसे ही भूकंप (Earthquake) कहा जाता है. ये प्लेटें बहुत धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. ये प्लेटें हर साल अपनी जगह से 4 से 5 मिमी तक खिसक जाती हैं. ऐसे में कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इसी प्रक्रिया के दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आता है. रिंग ऑफ फायर में होने के कारण दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप इंडोनेशिया देश में आते हैं. जावा और सुमात्रा भी इसी क्षेत्र में आते हैं. क्या आपको पता है कि भारत में सबसे ज्यादा भूकंप कहां आते हैं? अगर नहीं… तो चलिए आज हम आपको बताते हैं. पढ़िए इस खबर को पूरा
भारत में यहां आते हैं सबसे ज्यादा भूकंप
भारत में अबतक सबसे ज्यादा भूकंप आने की घटनाएं हिमालय पर्वत और इसके आसपास के इलाके में होती हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग चार करोड़ साल पहले भारतीय उपमहाद्वीप और यूरेशियाई प्लेट इसी जगह पर एक दूसरे से टकराए थे, जिससे हिमालय पर्वत का निर्माण हुआ. यह हर साल लगभग एक सेंटीमीटर ऊपर ऊंचा उठ रहा है. इसी हलचल की वजह से इस इलाके में अक्सर भूकंप आते रहते हैं. हिमालय और इसके आसपास के भारत में पड़ने वाले हिस्से में हिमाचल प्रदेश, कश्मीर, उत्तराखंड, सिक्किम और कई उत्तर-पश्चिमी राज्य आते हैं.
नेपाल भी है इस जोन में
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हिमालय के नीचे 300 मीटर की गहराई में काली मिट्टी के रूप में प्रागैतिहासिक झील के अवशेष मौजूद हैं, जिस कारण भूकंप ज्यादा तीव्रता वाले होते हैं. कई ज्योग्राफिकल स्टडीज से यह सामने आया है कि मिट्टी के द्रवीकरण की वजह से यहां बड़े भूकंप का खतरा बना रहता है. इस जोन में रहने वाले लोगों के घर ज्यादातर पत्थरों से बने हैं. नेपाल भी इसी जोन के अंतर्गत आता है.
तीव्रता के आधार पर जोन में वर्गीकरण
पिछले कुछ दशकों में भारत भी भूकंप का केंद्र बना है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप से देश की अलग-अलग जगहों को अलग स्तर का खतरा है. इसी खतरे के आधार पर देश को कई जोन में बांटा गया है. देश को कुल पांच जोन में बांटा गया है. जोन-1 वाले इलाकों को सबसे कम खतरा और जोन-5 वाले इलाकों को सबसे ज्यादा खतरा रहता है.
किस जोन में कौनसा क्षेत्र
जोन-5: भूकंप के लिहाज से सबसे खतरनाक माने जाने वाले इलाके यानि जोन- 5 में गुजरात का कच्छ, उत्तरांचल का एक हिस्सा और पूर्वोत्तर के अधिकतर राज्य शामिल हैं.
जोन-4: इस जोन में मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों के अलावा जम्मू-कश्मीर, पश्चिमी गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश के पहाड़ी इलाके और बिहार-नेपाल सीमा के कई इलाके शामिल हैं.
जोन-3 : इसमें केरल, बिहार, पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश पूर्वी गुजरात और मध्यप्रदेश का कुछ हिस्सा आता है.
जोन-2 : जोन-2 में राजस्थान, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश का कुछ हिस्सा, पश्चिम बंगाल और हरियाणा को शामिल किया गया है.
जोन-1 : भूकंप के लिहाज से सबसे कम खतरे वाले जोन यानि जोन-1 में पश्चिमी मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक पूर्वी महाराष्ट्र और उड़ीसा के हिस्से आते हैं.
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