भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा गठित कंप्यूटर टीवी खरीदी घोटाला मामले में स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया गया है। डीपीआई की तरफ से बताया गया है कि उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों को केवल ट्रेनिंग लेने के लिए बुलाया था। अभी तक कोई आर्डर प्लेस नहीं किया गया है।
लोक शिक्षण संचालनालय ने बताया कि, समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत संचालित आईसीटी स्कूल योजना के तहत 2436 विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब स्थापना का लक्ष्य इस वर्ष हेतु नियत है। प्रत्येक लैब के लिये 6.40 लाख रुपये का बजट प्रावधान है एवं एक लैब में 10 कम्प्यूटर, यूपीएस स्मार्ट टीवी, डिजिटल पैड, फर्नीचर इत्यादि का क्रय किया जाना है।
उक्त क्रय प्रक्रिया जिला स्तर पर विकेन्द्रीकृत रूप से जेम पोर्टल के माध्यम से किये जाने संबंधी निर्णय के परिपालन में प्रचलन में है। इसके तहत वस्तुतः दिनांक 09 एवं 10 नवम्बर 2022 को समस्त जिला शिक्षा अधिकारी एडीपीसी समग्र शिक्षा अभियान एवं आईटी कार्डिनेटर इत्यादि को जेम पोर्टल के माध्यम से की जाने वाली क्रय-प्रक्रिया का प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
उक्त प्रशिक्षण में समस्त संबंधितों को ‘स्कोप ऑफ डॉक्यूमेंट तैयार करने जेम पोर्टल के लिये बिड तैयार करने एवं बिड अपलोड करने संबंधी प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में संबंधित जिलों द्वारा स्कोप डॉक्यूमेंट एवं जेम पोर्टल पर अपलोड की जाने वाली बिड को जिलों के लक्ष्य एवं पैरामीटर के आधार पर तैयार किया गया।
जेम पोर्टल पर निविदा तैयार करने एवं उसे सही तरीके से अपलोड करने संबंधी प्रक्रिया तकनीकी प्रवृत्ति एवं जटिल होने के कारण प्रक्रिया में विसंगति अथवा त्रुटि न हो, संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा अपने-अपने जिलों की निविदा तैयार कर जेम पोर्टल पर उसे अपलोड करने संबंधी प्रशिक्षण तथा कार्यवाही राज्य तकनीकी विशेषज्ञों की देख-रेख में की गई है।
बिड तैयार करने एवं अपलोड करने संबंधी प्रक्रिया का आशय ऑर्डर देना कदापि नहीं है। सामग्री के स्पेसिफिकेशन राज्य स्तरीय तकनीकी समिति जिसमें मैप आई.टी. कंसलटेंट भी शामिल हैं, के द्वारा स्पेसिफिकेशन नियत किए गए हैं।
क्रय की जाने वाली सामग्री के लिये 5 वर्ष की वारंटी पीरियड रखा गया है। क्रय हेतु नियत किये गये स्मार्ट टीवी में इंटरनेट से कनेक्ट करने, ऑनलाइन शैक्षणिक ऐप एवं शिक्षक द्वारा तैयार कन्टेन्ट को दिखाए जाने की सुविधा है तथा कन्ट्रास्ट, ब्राइटनेस रिज्योलूशन इत्यादि का ध्यान रखा गया है।
निविदा प्रक्रिया पूर्णतः विकेन्द्रीकृत है, जो प्रत्येक जिला स्तर से संपादित होगी। जिले द्वारा जारी की गई बिड अनुसार नियत समय सीमा में विभिन्न निविदाकर्ताओं द्वारा नियत स्पेसिफिकेशन के अनुरूप निविदा प्रस्तुत की जा सकेगी एवं जेम की प्रक्रिया एवं निर्धारित मापदंड पूर्ण करने वाली न्यूनतम दर कंपनी ही सामग्री प्रदाय हेतु पात्र होगी, जिसका निर्धारण जिला स्तर पर किया जाएगा। पात्र न्यूनतम बिडर को आर्डर देना सामग्री प्राप्त करना एवं उसके तकनीकी सत्यापन उपरांत भुगतान की कार्यवाही इत्यादि जिला स्तर से किया जाना नियत है।
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