* पूर्व पार्षद सलीम बेग ने की पुलिस आयुक्त से मांग
अमरावती/दि.31- गत रोज प्रभात चौक से जवाहर गेट की ओर जानेवाली सडक किनारे स्थित राजेंद्र लॉज की 76 वर्ष पुरानी इमारत अचानक ही ढह गई. जिसके चलते निचली मंजील पर स्थित राजदीप होजियरी में काम कर रहे पांच लोगों की मलबे के नीचे दबकर मौत हो गई. इन पांचों मौतों के लिए संबंधितों की जवाबदेही तय की जाये. साथ ही जिन-जिन लोगों ने अब तक इस इमारत को गिराने के काम में अडंगा डाला था, उन सभी को इन पांच मौतों के लिए जिम्मेदार मानकर उनके खिलाफ सदोष मनुष्यवध का मामला दर्ज किया जाये. इस आशय की मांग पूर्व पार्षद सलीम बेग युसुफ बेग द्वारा पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह को सौंपे गये ज्ञापन में की गई.
इस ज्ञापन में पूर्व पार्षद सलीम बेग ने बताया कि, मनपा झोन क्रमांक 2 के अधिकारियों ने वर्ष 2020 से 2022 तक इस इमारत के मालिक व इमारत में रहनेवाले दुकानदारों को केवल नोटीस जारी करने का ही काम किया. वह खुद होकर इमारत गिराने का आदेश जारी करते हुए अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली. लेकिन इमारत में रहनेवाले दुकानदारों की इसके लिए तैयारी नहीं थी. ऐसे में इमारत के मालिक राहुल राजेंद्र जैन ने 21 जुलाई 2022 को खुद होकर मनपा को पत्र जारी करते हुए बताया कि, यह इमारत पूरी तरह से शिकस्त हो गई है और कभी भी गिर सकती है. अत: 23 जुलाई को इमारत को गिराने की कार्रवाई की जाये. जिसके लिए मनपा के अभियंता, अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे और इमारत को गिराने की कार्रवाई हेतु पुलिस संरक्षण दिया जाये. साथ ही महावितरण द्वारा इमारत की विद्युत आपूर्ति को खंडित किया जाये. लेकिन मनपा झोन क्रमांक 2 के अधिकारियों ने ऐन समय पर नई नोटीस जारी करते हुए कहा कि, पूरी इमारत गिराने की बजाय केवल पहली व दूसरी मंजील को गिराया जाये. इसी तरह महावितरण की जवाहर गेट शाखा के अभियंता जब विद्युत आपूर्ति खंडित करने के लिए गये, तो उन्हें जिले की एक वरिष्ठ महिला नेत्री ने कार्रवाई को रोकने हेतु कहा. यदि ऐन समय पर उस महिला जन प्रतिनिधि तथा मनपा के झोन अधिकारियों द्वारा इस कार्रवाई में हस्तक्षेप नहीं किया जाता, तो यह इमारत पिछले वर्ष ही सुरक्षित तरीके से गिरा दी गई होती और कल हुई दुर्घटना में पांच लोगों की जान नहीं गई होती. ऐसे में जिन-जिन लोगों ने उस समय इस कार्रवाई में अडंगा डाला था, उन सभी से पूछताछ की जानी चाहिए और उन्हें पांच लोगोें की मौत का जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ सदोष मनुष्यवध का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
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